उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

दुकानदारों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा दीपोत्सव मेला, बिक्री न होने से परेशानी बढ़ी

फिरोजाबाद में स्वनिधि दीपावली महोत्सव के तहत मेले का आयोजन किया गया है. यहां दो दिन में कई दुकानदारों की कोई बिक्री नहीं हुई है. इससे दुकानदार काफी परेशान हैं.

shopkeepers faces buyers crisis at swanindi deepawali mahotsava mela in firozabad
shopkeepers faces buyers crisis at swanindi deepawali mahotsava mela in firozabad

By

Published : Oct 29, 2021, 10:18 PM IST

फिरोजाबाद: सड़क के किनारे दुकान सजाकर अपनी जीविका चलाने वाले रेहड़ी पटरी दुकानदारों को व्यापार के लिए एक नया मंच मिल सके, इसके लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इस साल एक नई पहल की है. फिरोजाबाद में स्वनिधि दीपावली महोत्सव के तहत मेला आयोजित किया जा रहा है. सरकार की मंशा थी कि दुकानदार इस मेले में अपनी दुकान लगाएं और उनके व्यापार को मंच मिल सके और दिवाली पर वह चार पैसे कमा सकें लेकिन हालात बिल्कुल अलग है. यहां दुकान लगाना दुकानदारों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है. दुकानदारों का कहना है कि दो दिन बीत चुके हैं लेकिन उनकी कोई बिक्री नहीं हुई है. इस वजह से दुकानदार काफी निराश है.

जानकारी देते दुकानदार
फिरोजाबाद शहर के तिलक इंटर कॉलेज में नगर निगम स्वनिधि दीपोत्सव का आयोजन कर रहा है. इस मेले की बात करें तो यहां कुल 60 स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें से 30 स्टॉल रेहड़ी पटरी दुकानदारों के हैं. यह मेला 28 अक्टूबर को शुरू हुआ था और 4 नवंबर तक चलेगा. इस मेले में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं.

ये भी पढ़ें- आज़म खान की बहू चुनाव लड़ने की तैयारी में, जानें क्या हैं चुनावी समीकरण

ईटीवी भारत की टीम ने शुक्रवार को इस मेले में पहुंचकर कुछ दुकानदारों से बात की. हमने जानना चाहा कि उन्हें आखिर इस मेले से क्या उम्मीद थी और दो दिनों में उनकी बिक्री कैसी रही. दुकानदारों का जवाब था कि दो दिन में हमारी तो एक पैसे की भी बिक्री नहीं हुई है. दुकानदारों ने कहा कि पहले जिस स्थान पर वह लोग दुकान लगाते थे. वहां जरूर उनकी थोड़ी बहुत बिक्री हो जाती थी, लेकिन यहां तो उनका एक रुपये का भी समान नहीं बिका है. मेले में लोगों के न पहुंचने के कारण यहां स्टाल लगाना दुकानदारों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है. जो लोग यहां आ रहे हैं, वह खरीददारी की बजाय सांस्कृतिक कार्यक्रम देखकर और मेले में लगे स्टॉल से फास्ट फूड खाकर चले जा रहे हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details