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एक महीने से खराब पड़ा विद्यालय का समरसेबल, नहीं हो रहा समाधान

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Published : Jan 28, 2021, 4:29 PM IST

यूपी के फतेहपुर में रारा विद्यालय में समरसेबल एक माह से खराब पड़ा है. समरसेबल के खराब होने की शिकायत कई बार की जा चुकी है. इसके बावजूद समस्या का निराकरण नहीं किया जा रहा है.

खराब पड़ा विद्यालय का समरसेबल
खराब पड़ा विद्यालय का समरसेबल

फतेहपुरःप्राथमिक विद्यालयों की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सरकार की तरफ से तमाम योजनाएं भले ही चलाई जा रही हों लेकिन लाल फीता शाही के चलते फतेहपुर जिले के तमाम विद्यालयों की हालत जस की तस बनी हुई है. जिले के सदर तहसील के रारा पूर्व माध्यमिक विद्यालय में लगाया गया समरसेबल पम्प पिछले एक महीने से खराब चल रहा है. प्राथमिक विद्यालय में लगे समरसेबल पम्प के खराब होने के चलते विद्यालय में लगी पानी की टंकी जहां सो पीस बनी हुई है वहीं विद्यालय में लगे पेड़ पौधे भी पानी न मिलने की वजह से सूख रहे हैं. हालत यह है कि रोज विद्यालय आने वाले अध्यापकों को पीने का पानी तक नहीं मिल पा रहा है.

विद्यालय में लगे पेड़ पौधे हो रहे खराब.

पानी की कमी से सूख रहे पेड़-पौधे
बता दें कि रारा पूर्व माध्यमिक विद्यालय में लगा समरसेबल पम्प एक माह पहले खराब हुआ था. समरसेबल पम्प खराब हो जाने के बाद से विद्यालय में पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. विद्यालय ग्रामीण इलाके से दूर होने के चलते गांव से भी इस विद्यालय में आसानी से पानी नहीं आ सकता. जिससे विद्यालय में सूख रहे पेड़ पौधों को बचाया जा सके. समरसेबल पम्प को रीबोर करवाने के लिए यहां तैनात अध्यापक ने गढ्ढा तो खोदवा दिया लेकिन अभी तक समरसेबल पम्प को रीबोर करने का कार्य नहीं शुरू हो पाया है. विद्यालय में पानी न होने के चलते तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. गनीमत यह है कि कोरोना महामारी के चलते विद्यालय में बच्चे नहीं आ रहे हैं, नहीं तो बच्चों को पीने के पानी के लिए भी तरसना पड़ जाता.

ध्यान नहीं दे रहे अधिकारी
विद्यालय में तैनात प्रधान अध्यापक अमरनाथ का कहना है कि इस बारे में वह कई बार विभागीय अधिकारियों को लिखित में अवगत करवा चुकें हैं. उसके बावजूद समरसेबल पम्प रीबोर कराने का काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया है. उन्होंने बताया कि विद्यालय में पानी न होने के चलते बड़ी मेहनत से तैयार की गई क्यारियां और पेड़ पौधे सूख रहे हैं. लिखित शिकायत के बावजूद विभाग के उच्चाधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.

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