फर्रुखाबाद: जिले में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने अल्पसंख्यकों को लुभाने का प्रयास किया. उन्होंने आरक्षण कार्ड खेलते हुए कहा कि सरकारी नौकरियों में दलितों और पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण कोटा अभी भी अधूरा पड़ा हुआ है. इसे लागू किए जाने की जरूरत है.
फर्रुखाबाद: आरक्षण का मुद्दा उठा कर मायावती ने मुस्लिमों को लुभाने का किया प्रयास
जिले की लोकसभा सीट से गठबंधन प्रत्याशी के समर्थन में रविवार को एक जनसभा आयोजित की गई. बसपा अध्यक्ष मायावती ने बतौर मुख्य अतिथि सभा में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा उठाया.
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने सपा-बसपा गठबंधन प्रत्याशी मनोज अग्रवाल के समर्थन में आयोजित रैली को संबोधित किया. सतीश चंद्र मिश्रा और आकाश आनंद ने भी रैली में हिस्सा लिया. बसपा प्रत्याशी मनोज अग्रवाल ने चांदी का हाथी देकर उनका स्वागत किया. अपने 20 मिनट के भाषण के दौरान मायावती ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. साथ ही कांग्रेस पर भी तीखे प्रहार किए.
उन्होंने पीएम मोदी के दलित, पिछड़ा वर्ग और मुस्लिमों को अच्छे दिन दिखाने के वादे पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि यूपी सरकार ने अपने छोड़े गए आवारा जानवरों व पशुओं से जनता को बर्बाद कर दिया है. किसान अपनी फसल बचाने के लिए रात-रातभर जागकर खेतों की रखवाली करते हैं. आगे उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्ग, मुस्लिमों व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक समाज का कोई विकास नहीं हो सका है. पूरे देश में अल्पसंख्यकों का सरकारी नौकरियों का आरक्षण कोटा अधूरा पड़ा हुआ है.
यूपी में आरक्षण व्यवस्था का बहुत ही बुरा हाल है. कांग्रेस की तरह ही भारतीय जनता पार्टी ने सभी वर्गों को निजी क्षेत्र में आरक्षण की व्यवस्था किए बिना ही सरकारी कार्य बड़े- बड़े पूंजीपतियों को दे दिए हैं. कांग्रेस के शासनकाल में तो दलित, पिछड़ा वर्ग समेत गरीब तबके के लोग रोजी- रोटी की तलाश में पलायन कर गए.
6 हजार माह देने का नया सपना
कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में अति गरीबों को 6 हजार रुपये देने का नया सपना दिखा रही है, लेकिन इससे गरीबी दूर होने वाली नहीं है. केंद्र में अगर हमारी सरकार आती है तो गरीब परिवारों को सरकारी व गैर सरकारी क्षेत्रों में स्थाई रोजगार देंगे.
-मायावती, पूर्व मुख्यमंत्री