एटा : जनपद में लोकसभा चुनाव 2019 की तैयारियां जोरों पर है. यहां तीन चरणों में चुनाव होना है. पहले चरण के लिए चार हजार मतदान कर्मियों को ट्रेनिंग दी जानी है. 25 मार्च से शुरू हुए इस ट्रेनिंग कैंप में अब तक एक हजार आठ सौ मतदान कर्मियों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है.ट्रेनिंग में किसी प्रकार की समस्या ना आए, इसके लिए मास्टर ट्रेनर के साथ ही जिला प्रशासन के आला अधिकारी भी ट्रेनिंग कैंप में कर्मचारियों को ट्रेनिंग देते नजर आ रहे हैं.
दरअसल, एटा जिले में एटा लोकसभा सीट के अलावा दो अन्य लोकसभा सीटों आगरा व फर्रुखाबाद के लिए भी मतदान होना है. इसकी जिम्मेदारी एटा जिला प्रशासन पर ही है. बता दें कि एटा जिले के दो विधानसभा क्षेत्र जलेसर व अलीगंज क्रमश: आगरा व फर्रुखाबाद लोकसभा सीट में आते हैं. जलेसर विधानसभा, जो कि आगरा लोकसभा सीट में पड़ती है, वहां दूसरे चरण में यानी कि 18 अप्रैल को वोट पड़ना है, जबकि फर्रुखाबाद लोकसभा सीट में आने वाले अलीगंज विधानसभा क्षेत्र में चौथे चरण में यानी 29 अप्रेल को मतदान होना है.
जानकारी देते एडीएम फाइनेंस केशव प्रसाद 25 मार्च से कर्मचारियों को दी जा रही ट्रेनिंग
एटा लोकसभा सीट के लिए तीसरे चरण यानी कि 23 अप्रैल को वोटिंग होनी है. इसके लिए मतदान कर्मियों को ट्रेनिंग दी जा रही है. 25 मार्च से शुरू हुए मतदान कर्मियों की ट्रेनिंग में अब तक एक हजार आठ सौ कर्मी ट्रेनिंग ले चुके हैं. पहले चरण में मतदान कर्मियों को दी जाने वाली ट्रेनिंग में पीठासीन अधिकारी एवं मतदान अधिकारी को बुलाया गया है. प्रतिदिन 300 - 300 कर्मियों को ट्रेनिंग दी जा रही है.
एडीएम फाइनेंस केशव प्रसाद ने बताया कि मतदान कर्मियों के लिए दिन भर में दो बैच चलाए जाते हैं. इस दौरान ट्रेनिंग ले रहे कर्मियों में भी उत्सुकता अलग ही दिखाई पड़ती है. इसके अलावा अधिकारियों की भी यह कोशिश है कि ट्रेनिंग कैंप से कर्मी पूरी तरीके से प्रशिक्षित होकर जाएं, जिससे मतदान के समय कोई समस्या ना आए.
कर्मचारियों को देनी होगी परीक्षा
उन्होंने कहा कि यहां पर मतदान कर्मियों को जो ट्रेनिंग दे दी जा रही है, उसमें उन्हें पहले ईवीएम मशीन व वीपी पैट के बारे में पूरी तरीके से बताया जाता है, उसके बाद 25-25 के बैच में मास्टर ट्रेनर की निगरानी में ईवीएम पर ट्रेनिंग दी जाती है. जब ट्रेनिंग पूरी हो जाती है, उसके बाद सभी कर्मियों की 25 नंबर की एक परीक्षा भी ली जाती है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि उन्हें अभी ट्रेनिंग की जरूरत है अथवा नहीं.