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देवरिया पंचायत चुनाव: कृषि मंत्री के बेटे को राहत, पूर्व कैबिनेट मंत्री के पुत्र को झटका

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Published : Mar 22, 2021, 3:05 PM IST

देवरिया में पंचायत चुनाव की आरक्षण सूची जारी होने के बाद कई दिग्गजों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है. वहीं कई दावेदारों के चेहरे खिल उठे हैं. पथरदेवा और तरकुलवा ब्लॉक प्रमुख की आरक्षण सूची में बदलाव हुआ है. लिहाजा पथरदेवा ब्लॉक से कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही के बेटे सुब्रत शाही प्रमुख का चुनाव लड़ सकेंगे, जबकि तरकुलवा सीट आरक्षित हो जाने से पूर्व कैबिनेट मंत्री ब्रह्माशंकर त्रिपाठी के बेटे अभिषेक त्रिपाठी राजन चुनाव नहीं लड़ सकेंगे.

पथरदेवा और तरकुलवा ब्लॉक की आरक्षण सूची में बदलाव
पथरदेवा और तरकुलवा ब्लॉक की आरक्षण सूची में बदलाव

देवरिया:नई आरक्षण सूची में ब्लॉक प्रमुख पदों पर होने वाले चुनाव के आरक्षण में भी बदलाव हुए हैं. इसमें प्रदेश के एक कैबिनेट मंत्री के बेटे को जहां राहत मिली है, वहीं एक पूर्व मंत्री के बेटे को फिर निराशा हाथ लगी है.

पथरदेवा और तरकुलवा ब्लॉक की आरक्षण सूची में बदलाव

पहली बार जो आरक्षण सूची जारी हुई थी उसमें और नए आरक्षण लिस्ट में बड़ा परिवर्तन हो गया है. पहले के आरक्षण में सबसे अधिक चर्चा पथरदेवा और तरकुलवा ब्लॉक को लेकर थी. पथरदेवा ब्लॉक से प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही के बेटे सुब्रत शाही और तरकुलवा ब्लॉक से पूर्व कैबिनेट मंत्री ब्रह्माशंकर त्रिपाठी के बेटे अभिषेक त्रिपाठी राजन ब्लॉक प्रमुख हैं. पहले आरक्षण में पथरदेवा अनुसूचित जाति महिला और तरकुलवा पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित सीट हो गई थी. ऐसे में दोनों ही प्रमुख बनने की लड़ाई से बाहर हो गए थे, लेकिन अब आरक्षण की जो नई सूची आई है, उसमें पथरदेवा प्रमुख का पद अनारक्षित हो गया है, जबकि तरकुलवा पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित है.

आरक्षण सूची बदलने से राजनीतिक समीकरण बदले

नए आरक्षण लिस्ट से ऐसे में माना जा रहा है कि सुब्रत शाही एक बार फिर प्रमुख का चुनाव लड़ सकते हैं, जबकि पूर्व मंत्री के बेटे आरक्षण के चलते इस दौड़ से पूरी तरह बाहर हो गए हैं. इसके साथ ही पिछले आरक्षण में आरक्षित रहे भटनी व देसही ब्लॉक अब अनारक्षित की श्रेणी में आ गए हैं. इसी तरह पहले के आरक्षण में भागलपुर, लार व सलेमपुर अनारक्षित थे, लेकिन इस बार भागलपुर अनुसूचित जाति तो सलेमपुर व लार महिला के लिए आरक्षित हो गया है. इसके चलते इन ब्लॉकों में भी अब राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल गए हैं.

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