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लॉकडाउन में लाभार्थियों को पता चला कि वह भी हैं उज्जवला योजना के लाभार्थी

लॉकडाउन के चलते लाभार्थियों के बैंक खातों में सरकार की उज्ज्वला योजना के तहत गैस रिफिलिंग के पैसे आए हैं. इन पैसों के आने के बाद उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में भ्रष्टाचार का खेल उजागर हुआ है. कई लोगों को अब पता चला है कि वे भी उज्ज्वला योजना के लाभार्थी हैं, जिसके बाद उन्होंने स्थानीय गैस डीलर की संबंधित अधिकारियों से शिकायत की है.

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Published : May 11, 2020, 8:33 PM IST

beneficiaries of ujjwala scheme did not get gas cylinders in chitrakoot
चित्रकूट में उज्ज्वला योजना में धांधली.

चित्रकूट:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अति महत्वाकांक्षी योजना, 'प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना' से समाज में आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को सम्मान देने की बात की गई है, पर अब यही महिलाएं प्रधानमंत्री उज्जवला गैस योजना से वंचित हैं. इन महिलाओं ने स्थानीय गैस डीलर पर आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार ने हमारे खाते में गैस भरवाने की धनराशि तो भेज दी है, पर डीलर द्वारा हमें आज तक सिलेंडर और चूल्हा उपलब्ध नहींं कराया गया है.

उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को अब तक नहीं मिला गैस सिलेंडर.

चित्रकूट जिले के मानिकपुर में कामदगिरि एचपी गैस सर्विस के प्रोपराइटर ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत मानिकपुर तहसील क्षेत्र सहित सदर तहसील के क्षेत्र में भी उज्ज्वला गैस सिलेंडर वितरण का कार्य किया है. इस दौरान डीलर द्वारा बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की शिकायत की गई है, जिसका खुलासा कोरोना संकट के समय में गैस रिफिल कराने के लिए खातों में दी गई 810 रुपये की धनराशि से हुआ है.

मानिकपुर कस्बे के महावीर नगर निवासी फरीदा खान, शफीकबानो, आयशा परवीन, नफीसा बानो, सितारा खातून, राबिया बानो, रानी और अनु ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कामदगिरि गैस सर्विस के डीलर के विरुद्ध कार्रवाई करने और डीलरशिप कैंसिल करवाने की मांग की है. पीड़ितों ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत नि:शुल्क गैस सिलेंडर किट वितरण में व्यापक रूप में घोटाला किया गया है.

62 ग्राम सभाओं वाली मानिकपुर विकास खंड के अलावा मानिकपुर कस्बे और कर्वी सदर में भी कामदगिरि गैस सर्विस द्वारा लगभग 12 हजार लाभार्थियों को सिलेंडर किट का वितरण किया जाना था. ग्रामीणों ने कहा कि एक ही गांव में 20 से 30 लाभार्थी ऐसे हैं, जिनके खातों में कोरोना संकट के समय 810 रुपये सरकार द्वारा भेजा गया, पर गैस सर्विस के डीलर ने उन्हें आज तक सिलेंडर और चूल्हा उपलब्ध नहीं करवाया है.

वहीं कई गांव के प्रधानों ने भी आरोप लगाते हुए कहा कि संकट के समय माननीय प्रधानमंत्री द्वारा भेजे गए पैसों के चलते ही इस भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है. अगर उज्जवला गैस कनेक्शन धारकों के खातों में 810 नहीं आता तो इस बंदरबांट का खुलासा नहीं हो सकता था.

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वहीं स्थानीय विधायक आनंद शुक्ला ने कहा है कि मुझे इस संबंध में शिकायतें आ रही थी, पर इस कृत्य में जो भी दोषी गैस सर्विस डीलर हैं, शासन की जांच में दोषी पाए जाने पर उसके ऊपर विधिक कार्यवाही की जाएगी.

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