बुलंदशहरः पिछले वर्ष में गन्ना किसानों को शुगर मिलों द्वारा 900 करोड रुपये का भुगतान जिले के गन्ना किसानों को किया गया है. ऐसी दूसरी जिले में कोई फसल नहीं है जिसकी धनराशि इतनी ज्यादा हो या यूं कहिए कि गन्ने के उत्पादन से जिले की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है.
बुलंदशहरः अन्नदाता के खिले चेहरे, गन्ने के उत्पादन से आर्थिक स्थिति मजबूत
पश्चिमी यूपी के सबसे बड़े जिले बुलंदशहर में इस बार गन्ने की बुवाई में करीब 3 फ़ीसदी की कमी आई है. पिछले साल गन्ना किसानों को शुगर मिलों के द्वारा करीब 900 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था.
पिछले साल गन्ने के उत्पाद के आंकड़े-
- पिछले वर्ष जिले में गन्ने का क्षेत्रफल 66 हजार 780 हेक्टेयर था, जिसमें करीब 22 फीसदी क्षेत्रफल बढ़ा था.
- 2017 में जिले में कुल 54 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ने की फसल थी. वहीं इस बार गन्ना उत्पादन में प्रति हेक्टेयर भी जिले में कमी देखी गयी है.
- इस वर्ष औसतन 892 क्विंटल गन्ना प्रति हेक्टेयर उत्पादन हुआ. जो पिछले साल की तुलना में कम है.
- इस बार की सर्वे रिपोर्ट में 64 हजार 1 सौ 73 हेक्टेयर रकवा गन्ना उत्पादन हुआ है.
- यानी इस साल साढे तीन प्रतिशत क्षेत्रफल गन्ने का जिले में घट गया है.
- जिले के लोगों को पिछले साल 900 करोड़ रुपये यानी 9 अरब रुपये का भुगतान चीनी मिलों के द्वारा किया गया.
जिला गन्नाधिकारी डीके सैनी का कहना कि-
पिछले वर्ष का गन्ने के फसल का पूर्ण भुगतान चीनी मिलों के द्वारा तीन माह पूर्व ही कर दिया गया था.इस वर्ष कुल 836 करोड़ 54 लाख रुपये का भुगतान चीनी मिलों के द्वारा किया जाना है. जो कि करीब 70 फीसदी से ज्यादा है. अब तक 570 करोड़ रुपये का भुगतान जिले के अन्नदाता को हो चुका है. बुलंदशहर शुगर मिल अब तक 32 प्रतिशत भुगतान कर चुका है, जबकि अनुपशहर शुगर मिल 76 प्रतिशत भुगतान कर चुकी है,जबकि जिले के अगौता अनामिका शुगर मिल 76 प्रतिशत धनराशि का भुगतान किया जा चुका है, जिले के किसान को गन्ने की फसल का समय से भुगतान हो इसके पीछे अफसरों की कार्यशैली है.