बस्ती: मजिस्ट्रेट द्वारा शिक्षक को थप्पड़ मारने (Magistrate slaps teacher) के मामले में अब नया मोड़ आ गया है. शिक्षक सत्येंद्र यादव के गांव के लोगों ने डीएम से मिलकर शिक्षक द्वारा मजिस्ट्रेट पर लगाए गए आरोपों को झूठा करार दिया है. ग्रामीणों ने उल्टा शिक्षक पर ही फर्जी विकलांग पेंशन लेने और जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया है. इससे पहले प्राथमिक शिक्षक संघ ने पैमाइस के दौरान मजिस्ट्रेट पर शिक्षक को थप्पड़ मारने का आरोप लगाया था.
ग्रामीणों का कहना है कि जिस टीचर ने नायब तहसीलदार निखिलेश चौधरी पर थप्पड़ मारने का आरोप लगाया है उस अध्यापक ने खुद ही दूसरों की जमीन पर कब्जा कर रखा है. जब अध्यापक से मजिस्ट्रेट ने कागज मांगा तो वह बदतमीजी करने लगा. इसपर नायाब तहसीलदार ने अध्यापक से मौके से हटने को कहा था. अध्यापक जब अपनी मंशा में कामयाब नहीं हुआ तो उसने मजिस्ट्रेट पर झूठा मारपीट का आरोप लगा दिया. पैमाइस के दौरान पूरा गांव मौजूद था.
इस मामले को डीएम ने गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है. गौरतलब है, कि जिस वक्त पैमाइस के दौरान टीचर को नायब तहसील द्वारा चाटा मारने का आरोप लगाया गया है. इस पूरे घटना क्रम की रिकॉर्डिंग प्रशासन ने खुद ही करवा रखी है. ऐसे में दिव्यांग शिक्षक का झूठ पकड़ लिया गया है. अब प्रशासन शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रहा है.
ये था मामला:विकलांग शिक्षक सत्येंद्र कुमार यादव का आरोप था कि हर्रैया तहसील के पिपरा काजी गांव में पाटे जा रहे गड्ढे की जांच करने पहुंचे नायब तहसीलदार अपनी बात कहते हुए आग बबूला हो गए. इतना ही नहीं आवेश में आकर रतनपुर राय प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत दिव्यांग शिक्षक के बाल पकड़ कर थप्पड़ मार दिया था. नायब तहसीलदार के थप्पड़ जड़ते ही मौके पर मौजूद दो पुलिस कर्मियों ने उसके साथ बदसलूकी करते हुए हाथापाई की. इससे आहत शिक्षक ने अपने साथ हुए दुर्व्यवहार की सूचना संघ के पदाधिकारियों को दी. इसके बाद जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में शिक्षकों ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट से मिलकर कार्यवाही की मांग की थी.