बस्ती: योगी सरकार में उत्तर प्रदेश में भू माफिया पर कार्रवाई होते कई बार देखा गया है. लेकिन, इस बार जिला प्रशासन के सामने एक बीजेपी के पूर्व विधायक से सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त करवाने की बहुत बड़ी चुनौती है. गुंडई और सत्ता के दम पर पूर्व विधायक ने बंजर की जमीन को रातोंरात जेसीबी और डंफर लगाकर अपने गुर्गों के साथ कब्जा कर लिया. इसकी पूरी रिकॉर्डिंग सीसीटीवी में कैद हो गई. इस पूरे मामले को लेकर एसडीएम भानपुर बेहद गंभीरता से कार्रवाई कर रहे हैं. उन्होंने खुद मौके पर जाकर जांच की और मामला सही पाया. इसके बाद विधायक के कब्जे वाली सरकारी भूमि को जल्द ही कब्जमुक्त करवाने और कार्रवाई करने में जिला प्रशासन तत्पर नजर आ रहा है.
मामला भानपुर तहसील के वाल्टरगंज थाना क्षेत्र के लक्ष्मणपुर गांव का है. यहां सेराज नाम के एक मुस्लिम परिवार से बीजेपी के नेता और महादेवा विधानसभा के पूर्व विधायक रहे रवि सोनकर की गुंडागर्दी देखने को मिली. आरोप है कि विधायक ने अपने 40 से 60 गुर्गों को भेजकर रातोंरात गड्ढे की जमीन पर जबरन मिट्टी डालकर पाट दिया और आने जाने के लिए अवैध रास्ता बना लिया.
बस्ती में पूर्व विधायक की गुंडागर्दी, रात में कब्जा कर ली सरकारी जमीन
बस्ती में पूर्व विधायक की गुंडागर्दी का मामला सामने आया है. पूर्व विधायक रहे रवि सोनकर ने अपने 40 से 60 गुर्गों को भेजकर रातों रात सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया.
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पीड़ित सेराज ने बताया कि जिस जमीन पर पूर्व विधायक ने कब्जा किया है, उसका गाटा संख्या 300 है. जो सरकारी अभिलेखों में गड्ढा और बंजर के नाम पर दर्ज है. बावजूद इसके अपने लाभ के लिए बीजेपी नेता रवि सोनकर भू माफिया से दो कदम आगे निकलते हुए सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया. इस जमीन को लेकर हाई कोर्ट से किसी भी कब्जे के लिए पहले से ही रोक लगाई गई है. एसडीएम ने खुद इस जमीन पर स्टे ऑर्डर दे रखा है. सुप्रीम कोर्ट के नियमों के अनुसार बंजर पर कब्जा करना अनुचित है. इस गड्ढे में गांव के सभी घरों से निकलने वाला पानी आया करता था. लेकिन, पूर्व विधायक ने ग्रामीणों की समस्या की परवाह किए बगैर ही सरकारी जमीन को अपना समझकर हथिया लिया.
इस पूरे मामले को लेकर ईटीवी भारत एडीएम के पास पहुंचा. एडीएम कमलेश चंद्र ने बताया कि एसडीएम भानपुर गिरीश कुमार को कार्रवाई के लिए निर्देश दिया गया है. इसके बाद एसडीएम तुरंत एक्टिव मोड में आ गए और कार्रवाई में जुट गए. एसडीएम ने खुद मौके पर जाकर इस मामले की जांच पड़ताल की और आरोपों को सही पाया. इसके बाद अब जिला प्रशासन सरकारी भूमि पर पूर्व विधायक के किए गए कब्जे को हटाने की कार्रवाई जल्द कर सकता है. एसडीएम ने पीड़ित सेराज और ग्रामीणों से बातकर आश्वस्त किया है कि पूरे मामले में जल्द ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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