बलरामपुर: जिला प्रशासन की लापरवाही और उदासीनता के चलते गन्ने की ओवरलोडेड गाड़ियों की वजह से सड़कों का हाल खस्ता होता जा रहा है. जो राहगीरों के लिए खतरे का सबब बनती जा रही हैं. हाल ही के दिनों में गन्ने से भरी कई गाड़ियां ओवरलोड होने की वजह से पलट चुकी हैं, जिसकी चपेट में आने से कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है. गन्ने की ओवरलोड गाड़ियों से हो रही दुर्घटनाओं को लेकर लोगों में रोष है.
स्थानीय लोगों का आरोप है कि परिवहन विभाग चीनी मिल प्रबंधन के दबाव में है. इस वजह से गन्ने के ओवरलोड ट्रकों और अन्य गाड़ियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. इनकी वजह से पिछले एक महीने में ही 1 दर्जन से ज्यादा लोग मौत के घाट उतर चुके हैं, जबकि कई गंभीर और आंशिक तौर पर घायल हो चुके हैं.
इन चीनी मिलों में जाती हैं ओवरलोड गाड़ियां
जिले में कुल तीन चीनी मिलें हैं, जिसमें से बीएमसी की बलरामपुर और तुलसीपुर यूनिट नगर क्षेत्र में ही स्थापित हैं, जबकि बजाज चीनी मिल उतरौला के इटाईमैदा में स्थापित है. इन सभी चीनी मिलों तक गन्ना पहुंचाने के लिए ट्रक और ट्रालियां ओवरलोडिंग और ओवर हाइटिंग करके एसएच (स्टेट हाईवे) और एनएच (नेशनल हाईवे) से गुजरती हैं.
इसके साथ ही ये ट्रक और ट्रालियां नगर क्षेत्र से होकर भी गुजरती हैं. इन पर ओवरलोडिंग और ओवर हाईटिंग इस कदर की जाती हैं कि ये कई बार अनियंत्रित होकर सड़क पर ही पलट जाती हैं, लेकिन इस गंभीर समस्या पर जिलाधिकारी और परिवहन विभाग चुप्पी साधे बैठे हैं.