बलरामपुरः बलरामपुर जिले के सोहेलवा वन क्षेत्र में पिछले दो महीने से तेंदुए के आतंक के साए में जी रहे ग्रामीणों को आखिर राहत मिल ही गई. वन विभाग ने शनिवार शाम को तेंदुओं को पकड़ने में सफलता हासिल कर ली. बताया जा रहा है कि इस तेंदुए ने ही दो मासूमों को अपना निवाला बना लिया था.
जानकारी के अनुसार कल शाम को लाल नगर सिपहिया गांव में ग्रामीणों ने तेंदुए को देखा था. इसकी सूचना ग्रामीणों ने वन विभाग की टीम को दी. वन विभाग ने सूचना मिलने के बाद तेंदुए को कैद करने की कोशिशें तेज की. तेंदुए को पकड़ने के लिए बकरी को निवाला बनाया गया.
ग्रामीणों के मुताबिक, सुबह लाल नगर सिपहिया गांव निवासी शिवकुमार खेत जा रहे थे तभी परमात्मा के खेत में लगे पिंजड़े से तेंदुए के गुर्राने की आवाज आई. आवाज सुनकर शिवकुमार ने अन्य ग्रामीणों को सूचना दी तथा गांव के अन्य लोग सतर्क हो गए.
ग्रामीणों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी. मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम तेंदुए को पिंजड़े सहित जनकपुर रेंज लेकर चली गई. क्षेत्रीय वनाधिकारी एमबी सिंह ने रविवार को बताया कि पिंजड़े में मादा तेंदुआ थी. उसकी उम्र करीब पांच वर्ष है. उन्होंने बताया की तेंदुए को पकड़े जाने की सूचना उच्चाधिकारियों को दे दी गई है. निर्देश मिलते ही आगे की कार्यवाही की जाएगी. उन्होंने बताया की लाल नगर सिपहिया में अभी भी पिंजड़ा लगा रहेगा.
बता दें कि लाल नगर सिपहिया गांव में करीब दो माह पूर्व तेंदुए ने दो मासूम बच्चों को अपना निवाला बनाया था. तभी से वन विभाग की टीम तेंदुए को पकड़ने के लिए लगातार कोशिश कर रही थी. टीम तेंदुए को पकड़ने में नाकाम रही थी. अंत में वन विभाग की कोशिश रंग लगाई. बीते चार दिनों में टीम तेंदुए को पकड़ने में सफल रही. इसके बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली.
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