बहराइच: शहरी इलाकों से निकलने वाले कूड़े के निस्तारण की नगर पालिका के पास कोई व्यवस्था नहीं है. यही नहीं सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के प्रति भी नगर पालिका गंभीर नहीं दिख रहे हैं. शहर से हर रोज निकलने वाले तकरीबन 70 टन कूड़े को सरयू नदी के गोलवाघाट के मुहाने पर या दुनक्का व गुल्लावीर मंदिर के आसपास सड़क किनारे गड्ढों में डाल दिया जाता है. कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था न होने के कारण शहर पर्यावरण प्रदूषण के गर्त में समाता जा रहा है.
शहर को गन्दगी की दलदल में धकेल रही नगर पालिका - बहराइच में कूड़ा निस्तारण
यूपी के बहराइच कूड़े निस्तारण के मामले में फैल होता नजर आ रहा है. जनपद में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं. जिन पर आवारा पशु मुंह मारते रहते हैं. ऐसे में गंभीर बीमारी जन्म लेने का भी खतरा बना रहता है.
कूड़ा निस्तारण बना चुनौती
जनपद में नगर पालिका 31 वार्डों में विभक्त है. घर-मुहल्लों से निकलने वाले कूड़े के निस्तारण प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है. सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की स्थापना न होने से शहर से निकलने वाले कूड़े-करकट को शहर से सटे इलाकों में डालकर खपाया जा रहा है. वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था न होने से शहर में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे रहते हैं.
इलाके में बीमारी फैलने का डर
शहर में लगे कूड़े के ढेरों पर आवारा पशु मुंह मारते रहते हैं. इससे संक्रामक बीमारियों के फैलने की आशंका भी बनी रहती है. शहरी ढांचे को साफ-सुथरा कर सुदृढ़ करने के लिए दावे तो किए जा रहे हैं, लेकिन ऐसे में सवाल उठता है कि जब सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की स्थापना ही नहीं होगी तो ग्रीन व क्लीन सिटी बहराइच कैसे बन पाएगा.