अयोध्या: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की पावन नगरी अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है. साथ ही अयोध्या में आस्था, आध्यात्म और पर्यटन की असीमित संभावनाओं को देखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की ओर से प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण में एक और अहम कदम उठाया गया है. यूपी कैबिनेट की बैठक में योगी सरकार ने अयोध्या के श्री राम एयरपोर्ट का नाम मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम एयरपोर्ट करने पर सहमति जताई है. इसके लिए यूपी कैबिनेट में प्रस्ताव पास कर दिया गया है.
525 करोड़ की धनराशि से होगा एयरपोर्ट का निर्माण
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अयोध्या हवाई अड्डे का विस्तारीकरण कर इसे एक अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने की योजना तय की है. इसके लिए कुल 525 करोड रुपये की धनराशि निर्धारित की गई है. इसमें से लगभग 300 करोड़ की धनराशि अवमुक्त भी की जा चुकी है. अयोध्या में एयरपोर्ट निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य भी तेजी से चल रहा है.
वहीं अयोध्या और भगवान राम की कीर्ति को पूरी दुनिया तक पहुंचाने के लिए योगी सरकार ने एक अहम कदम उठाते हुए अयोध्या के श्री राम एयरपोर्ट के नाम का भी विस्तारीकरण कर दिया है. अब अयोध्या का श्री राम एयरपोर्ट, मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम एयरपोर्ट के नाम से जाना जाएगा. योगी सरकार की कैबिनेट मीटिंग में यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हो गया है.
अयोध्या के संतों ने सरकार के कदम पर जताई खुशी
योगी सरकार की ओर से अयोध्या एयरपोर्ट का नाम भगवान राम के नाम पर करने पर संत समिति के अध्यक्ष महंत कन्हैया दास ने प्रसन्नता जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि यह प्रदेश सरकार का एक सुंदर और स्वागत योग्य कदम है. भगवान राम के नाम पर एयरपोर्ट निर्माण से अयोध्या की कीर्ति पूरी दुनिया में फैलेगी.
जगद्गुरु राम दिनेशाचार्य ने कहा कि भगवान राम तो इस सृष्टि के कण-कण में हैं. उन्हें किसी प्रचार-प्रसार की आवश्यकता नहीं है, लेकिन पूरी दुनिया से जब कोई श्रद्धालु पर्यटक अयोध्या के लिए प्रस्थान करेगा तो उसके नाम से भगवान राम का नाम जरूर स्मरण होगा. भगवान राम का नाम लेने भर से जीव मात्र का कल्याण हो जाता है. उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम सराहनीय है.
भूमि अधिग्रहण को लेकर चल रहा है विवाद
अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम एयरपोर्ट निर्माण को लेकर अभी विवाद की स्थिति जारी है. एयरपोर्ट निर्माण के लिए नंदापुर, जनौरा और धर्मपुर गांव की जमीन अधिगृहित होनी है. इसमें नंदापुर और जनौरा गांव में तो किसानों ने सरकारी मुआवजा लेना स्वीकार कर लिया है. लेकिन धर्मपुर गांव के किसानों ने कम मुआवजा मिलने की बात कहकर अपनी जमीनें देने से इनकार कर दिया है.
वहीं इस मामले का अब राजनीतिकरण भी हो गया है. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सहित कांग्रेस के बड़े नेताओं ने भी किसानों के समर्थन में आवाज उठा दी है. इसके कारण एयरपोर्ट निर्माण का कार्य अभी रफ्तार से नहीं चल पा रहा है. अब देखना यह है कि कैबिनेट में प्रस्ताव पास होने के बाद इस योजना को कितनी रफ्तार मिल पाती है.