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परमहंस दास बोले- रामलला 'टाट' में नहीं, 'ठाट' में रहेंगे - अयोध्या समाचार

तपसी जी की छावनी के पूर्व पीठाधीश्वर परमहंस दास ने कहा है कि अब रामलला टाट में नहीं ठाट में रहेंगे. चैत्र नवरात्र की शुरुआत से पहले रामलला को अस्थाई गर्भ गृह में प्रतिष्ठित किया जाएगा.

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परमहंस दास

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Published : Mar 20, 2020, 2:57 PM IST

अयोध्या: प्राचीन पीठ तपसी जी की छावनी के पूर्व पीठाधीश्वर परमहंस दास ने कहा है कि रामलला अपने नए मंदिर में जाएंगे. परमहंस दास ने कहा कि रामलला का मंदिर बनने के बाद प्राण प्रतिष्ठा में देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति समेत सभी वीवीआइपी शामिल होंगे. रामलला मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत भी पहुंचेंगे.

मीडिया से बातचीत करते परमहंस दास.

वैकल्पिक गर्भगृह में रामलीला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर परमहंस दास ने कहा कि कोरोनावायरस तापमान बढ़ने के साथ समाप्त हो जाएगा. उन्होंने कहा कि अभी समय है, आने वाले दिनों में तापमान में बढ़ोतरी होगी और संक्रमण का खतरा कम हो जाएगा.

नव संवत्सर की शुरुआत यानी चैत्र नवरात्रि के पहले दिन रामलला को बुलेट प्रूफ वैकल्पिक गर्भगृह में स्थापित किया जाना है. मंदिर निर्माण प्रक्रिया का यह पहला दौर है. रामलला को नया घर मिलेगा. ऐसे में राम भक्तों और अयोध्या के संत उत्साहित हैं.

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राम नगरी में श्रद्धालुओं के साथ संतो को रामलला के भव्य मंदिर निर्माण का बेसब्री से प्रतीक्षा है. कयास लगाए जा रहे थे कि चैत्र नवरात्र के दिन ही अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की शुरुआत हो जाएगी. इस पर ट्रस्ट ने स्पष्ट किया है कि राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया तो जारी है, लेकिन इसे पूरा होने में समय लगेगा. पूरी तरह प्लान और रोडमैप तैयार होने के बाद ही राम जन्मभूमि परिसर में रामलला के मंदिर का निर्माण शुरू किया जाएगा.

जिस स्थल पर रामलला के मंदिर का निर्माण होना है, वहां तकनीकी स्तरों पर सर्वे होना बाकी है. ऐसे में रामलला को वहां से स्थानांतरित किया जाना जरूरी है. रामलला के लिए राम जन्मभूमि परिसर में फाइबर से बना बुलेट प्रूफ मंदिर आ चुका है. प्राण प्रतिष्ठा के साथ विधिपूर्वक यहां पर अम्ल को स्थापित किया जाना है. इस वैकल्पिक गर्भगृह में रामलला मंदिर निर्माण होने तक रहेंगे. इसके बाद उन्हें अपने मूल स्थान पर स्थापित कर दिया जाएगा.

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