औरैया: भारत विकास परिषद ने मंगलवार को जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर शरदोत्सव प्रदर्शनी आयोजन की अनुमति नगरपालिका को देने की मांग की. उन्होंने रोजगार के अवसरों के सृजन का हवाला देते हुए आसपास के जनपदों में प्रदर्शनी आयोजित करने की अनुमति मिलने की बात कही.
शरदोत्सव प्रदर्शनी में शहीदों को किया जाता है याद
समिति के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. रमेश शुक्ल ने कहा कि प्रदर्शनी स्थानीय कामगारों के लिए रोजगार का सृजन करती है. जनपद के अनेक शहीदों और सैनिकों ने देश की आजादी के लिए कुर्बानी दी है. प्रदर्शनी के माध्यम से शहीदों और सेनानियों को याद किया जाता है. जिले के युवाओं को समय-समय पर शहीदों की वीरगाथाओं को बताया जाता है.
कई अन्य जनपदों में किया जा चुका है प्रदर्शनी का आयोजन
परिषद के प्रेमनारायण मिश्र ने कहा कि प्रदर्शनी क्षेत्र की ऐतिहासिक और लोक परम्पराओं को सहेजती है. बीते करीब सात दशक से यह जनपद शरदोत्सव प्रदर्शनी एवं मेला के जरिए इस विरासत को कायम रखे हुए है. नगर पालिका औरैया इस मेले आयोजन करती है. कोराना काल के बाद पूरे देश में शासन ने सांस्कृतिक आयोजनों की छूट दे दी है. अलीगढ़, हाथरस, कोंच, उरई, बुलंदशहर समेत कई जनपदों में प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है.
शरदोत्सव प्रदर्शनी की अनुमति देने के लिए डीएम से मिले भाविप पदाधिकारी
यूपी के औरैया जिले में मंगलवार को भारत विकास परिषद के पदाधिकारी जिला मुख्यालय पहुंचे. उन्होंने शरदोत्सव प्रदर्शनी आयोजित करने के संबंध में डीएम को एक ज्ञापन सौंपा. जिलाधिकारी को दिए ज्ञापन में कहा कि प्रदर्शनी रोजगारों का सृजन करती है.
जिला प्रशासन नहीं दे रहा अनुमति
ब्रजेंद्र स्वरूप पांडेय ने कहा कि पास के जनपद इटावा में कुछ दिन पहले प्रदर्शनी का उद्घाटन किया जा चुका है. इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन नगरपालिका को इसके लिए अनुमति नहीं दे रहा है. डीएम से अपेक्षा की गई है कि जनहित में पालिका को इस आयोजन के लिए अनुमति दी जाए, जिससे जनपद के लोग लाभान्वित हो सकें. इससे पहले जिला बार एसोसिएशन, भारत प्रेरणा मंच, पूर्व सैनिक कल्याण समिति, व्यापार मंडल आदि संस्थाए भी जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर अनुमति देने की मांग कर चुकी हैं.
जिला प्रशासन सिर्फ दे रहा आश्वासन
चौरी चौरा शताब्दी समारोह में प्रभारी मंत्री जय कुमार सिंह जैकी के संज्ञान में भी यह बात लाई गयी थी. मंत्री ने जिलाधिकारी से कार्रवाई करने की बात कही थी. इसके बावजूद जिला प्रशासन सिर्फ आश्वासन दे रहा है. जनपद वासियों का कहना है कि परम्परानुसार यह आयोजन शरदकाल में ही होता है. प्रशासन की टालमटोल के चलते शरद ऋतु का समय निकल रहा है. जनपदवासियों ने जिलाधिकारी से तत्काल नगरपालिका को आयोजन की अनुमति देने की मांग की है.