सुल्तानपुर/अमेठी : संपत्ति विवाद में अमेठी के मुसाफिरखाना कोतवाली क्षेत्र में फरवरी माह में हुए डबल मर्डर मामले में चश्मदीद गवाह ने खुद के हत्या की आशंका जताई है. मुसाफिरखाना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक को प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है. विदित हो कि अभी विवेचना मुसाफिरखाना कोतवाली में प्रचलित है.
पूरा मामला अमेठी जिले के मुसाफिरखाना क्षेत्र अंतर्गत दादरा रोड से जुड़ा हुआ है. 27 फरवरी 2023 की शाम मृतक सुरेश यादव पुत्र स्वर्गीय बद्री प्रसाद यादव जो कि राजस्व संग्रह अमीन थे. अपने भाई बृजेश यादव पुत्र राम बहादुर यादव के साथ बोलेरो गाड़ी से जा रहे थे. थानाक्षेत्र अंतर्गत ददरा रोड के पास मृतक की गाड़ी के सामने अमर बहादुर सिंह महाविद्यालय से पहले बिना नंबर की मोटरसाइकिल आकर रुकी. आरोप है कि जलालुद्दीन, मोइनुद्दीन, राहुल यादव पुत्र ओमप्रकाश, संजय यादव पुत्र ओम प्रकाश और वसीम खान गाड़ी के सामने आ गए और असलहे से अंधाधुंध फायरिंग करने लगे. मृतक के भतीजे के मुताबिक, उसके चाचा और वादी का सगा भाई भागने का प्रयास कर रहे थे. घटना में सुरेश यादव और भतीजे बृजेश यादव की मौत हो गई थी. इससे पूर्व 2016 में भी सुरेश यादव पर जानलेवा हमला किया गया था, जिसमें जलालुद्दीन समेत दो अन्य लोगों को नामजद करते हुए मुकदमा पंजीकृत कराया गया था. घटना की सूचना देते हुए मृतक सुरेश यादव के भतीजे दुर्गेश यादव ने मुसाफिरखाना कोतवाली में तहरीर दी थी. जिस पर जान से मार डालने की धमकी देने और हत्या कर देने समेत अन्य धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया था. मुकदमे में जलालुद्दीन बेचू खां, मोइनुद्दीन खान पुत्र जलालुद्दीन, राहुल यादव पुत्र ओम प्रकाश, संजय यादव पुत्र ओम प्रकाश और बशीर खान निवासी भद्दौर थाना मुसाफिरखाना को मुलजिम बनाया गया था. इसके अलावा दो अज्ञात लोगों को भी शामिल किया गया था. बताया जा रहा है कि अज्ञात लोगों में मनीष यादव का नाम सामने आया था.