अलीगढ़: भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईएमआरसी), नई दिल्ली ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज को कोरोना वायरस वैक्सीन के लिए एक परीक्षण कार्यक्रम में सम्मिलित किया है. भारत बायोटेक (हैदराबाद) द्वारा निर्मित कोरोना वायरस के टीके 'कोवासीन' का परीक्षण 14 नवंबर से अलीगढ़ के मेडिकल कालेज में प्रारंभ होगा. इसके लिए एक हजार स्वयंसेवकों को पंजीकरण के लिए आमंत्रित किया गया है. टीके का ट्रायल जनवरी के अंत तक चलेगा.
AMU के जेएन मेडिकल कालेज में एक हजार लोगों पर होगा वैक्सीन का ट्रायल
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जेएन मेडिकल कालेज में एक हजार लोगों (वालंटियर्स) पर कोरोना वैक्सीन का ट्रायल किया जाएगा. इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी आयु वर्ग, सामाजिक पृष्ठभूमि के लोगों से परीक्षण में शामिल होने की अपील की है.
14 नवम्बर से काम शुरु होगा
कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने सभी आयु वर्ग और सामाजिक एवं आर्थिक पृष्ठभूमि के स्वयंसेवकों से क्लीनिकल परीक्षण में शामिल होने की अपील की है. उन्होंने कहा कि स्वयंसेवियों को वैज्ञानिक परीक्षण या अनुसंधान और मानव सेवा के लिए स्वेच्छा से आगे आना चाहिए. 14 नवम्बर से वैक्सीन का ट्रायस होगा.ट्रायल से पहले व्यक्ति की सहमति भी ली जाएगी.
एक हजार लोगों पर होगा ट्रायल
जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रोफेसर शाहिद अली सिद्दीकी ने कहा कि क्लीनिकल परीक्षण के आयोजन के लिए डाक्टरों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और अधिवक्ताओं पर आधारित एक नैतिकता (एथिकल)समिति का गठन किया गया है. मनुष्यों में इस टीके के परीक्षण के दौरान, पहले चरण में, एंटीबाडी के उत्पादन का परीक्षण किया जाएगा. जबकि बाद के चरण में यह देखा जाएगा कि यह टीका लोगों को बीमार होने से बचाता है अथवा नहीं.
इस परीक्षण से यह भी पता चलेगा कि टीका प्रभावी और सुरक्षित है. उन्होंने कहा कि ट्रायल में भाग लेने वाले स्वयंसेवकों को वैक्सीन के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की जाएगी. एक हाजर लोगों पर 'कोवासीन' वैक्सीन का ट्रायल होगा. कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए अगस्त 2020 से जेएन मेडिकल कालेज में प्लाज्मा थैरेपी भी की जा रही है.