अलीगढ़ :अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की महिला प्रोफेसर का कथित वायरल वीडियो मामले में महिला प्रोफेसर ने थाने में केस दर्ज कराया है. पुलिस भी इस मामले की जांच में जुट गई है. वहीं वायरल वीडियो मामले में एएमयू प्रॉक्टर मोहम्मद वसीम ने बताया कि ट्विटर पर महिला प्रोफेसर का नाम तो लिखा है, लेकिन चेहरा किसी दूसरे का लगा है. वहीं फोटो में दिखाया गया बैकग्राउंड भी महिला प्रोफेसर के चेंबर का नहीं है.
प्रॉक्टर मोहम्मद वसीम ने बताया कि महिला प्रोफेसर स्वच्छ छवि की हैं और सोशल मीडिया पर फेक इंफॉर्मेशन दी गई है. इससे महिला प्रोफेसर के सम्मान को ठेस पहुंची है. उन्होंने बताया कि जिस ट्विटर अकाउंट से फोटो वायरल की गई है, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है. एफआईआर करा दी गई है. इस पर थाना सिविल लाइन पुलिस इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर भी नियुक्त कर दिया गया है. प्राक्टर ने बताया कि पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. पुलिस ने सोमवार को एएमयू के प्रॉक्टर कार्यालय से इस बारे में जानकारी एकत्र की है. उन्होंने कहा कि जो भी दोषी है. उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी. क्योंकि महिला के सम्मान की बात है और इसमें यूनिवर्सिटी को बदनाम करने का प्रयास किया गया है.
एएमयू की महिला प्रोफेसर का कथित वायरल वीडियो मामला
पोर्न साइट से लिया गया फोटो
एएमयू के छात्र नेता फरहान जुबैरी ने बताया कि पोर्न साइट के एडल्ट वीडियो से फोटो उठाकर महिला प्रोफेसर को बदनाम करने की कोशिश की गई. जबकि फोटो में कोई समानता नहीं है. फरहान ने बताया कि महिला प्रोफेसर का नाम लिखकर बदनाम करने की कोशिश की गई है. इसके साथ अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को भी डिफेम करने का प्रयास किया गया है. फरहान जुबेरी की सबसे पहले इस ट्विटर पोस्ट पर नजर गई और उन्होंने सीधे महिला प्रोफेसर से बात की. महिला प्रोफेसर ने इस पूरे प्रकरण को लेकर प्रॉक्टर कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई है, जिसके बाद पुलिस एक्टिव हो गई है.
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शिकायत पर एकाउंट किया डिलीट
फरहान जुबैरी ने इस पोस्ट को यूपी पुलिस, डीजीपी और महिला आयोग से ट्वीट कर शिकायत की है. जिसके बाद विनय जर्नलिस्ट नाम का अकाउंट डिलीट कर दिया गया और ट्वीट भी डिलीट कर दिया गया. फरहान कहते हैं अगर उसकी बातों में कोई सच्चाई होती, तो वह अपना अकाउंट डिलीट नहीं करता. उसका स्क्रीनशॉट लिया फोटो मौजूद है. उन्होंने सरकार और पुलिस से दरख्वास्त की है कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, जो सम्मानित महिला प्रोफेसर को बदनाम करने का काम कर रहे हैं.