आगराः मोहब्बत की निशानी ताजमहल पर बंदरों का आतंक(Monkeys terrorize Taj Mahal) और उत्पात थम नहीं रहा है. ताजमहल परिसर में एंट्री करते ही देशी-विदेशी मेहमान दहशत में आ जाते हैं, क्योंकि, उत्पाती बंदर आए दिन ताजमहल परिसर या ताजमहल के आसपास घूमने वाले पर्यटकों को निशाना बना रहे हैं. गौरतलब है कि बीते 16 दिन में 8 ऐसी घटनाएं हुईं हैं, जिसमें बदंरों ने देशी-विदेशी पर्यटकों को काट लिया. उत्पाती बंदरों की वजह से पर्यटक सुखद अनुभव की बजाय बुरा अनुभव लेकर लौट रहे हैं. यह आगरा के पर्यटन कारोबार के लिए अच्छी बात नहीं हैं.
दरअसल, ताजमहल पर उत्पाती बंदर सुबह और शाम पर्यटकों पर हमला करके घायल कर रहे हैं. वहीं, इसके पीछे एएसआई की अलग थ्योरी है. एएसआई अधिकारियों का मानना है कि, बंदरों का रात में डेरा ताजगंज श्मशान घाट और दशहरा घाट पर रहता है. बंदरों के झुंड सुबह भोजन की तलाश में ताज नेचर पार्क और उसके आसपास के क्षेत्र में निकलते हैं, तो बसई घाट से ताजमहल पसिर में प्रवेश करते हैं. इसलिए सुबह-सुबह ताजमहल में बंदरों के निशाने पर पर्यटक आते हैं.
एएसआई अधिकारियों का मानना है कि जब शाम को बंदरों के झुंड ताजगंज श्मशान घाट या आसपास वापस लौटते हैं, तो दशहरा घाट या पूर्वी गेट के पास स्थित हाथी घाट की दीवारों से ताजमहल परिसर में प्रवेश करते हैं. इस दौरान भी बंदर लगातार पर्यटकों पर हमला बोल रहे हैं. स्थानीय लोगों भी उत्पाती बंदरों से परेशान हैं. ताजमहल के संरक्षण सहायक प्रिंस वाजपेई ने बताया कि, ताजमहल परिसर में डंडे से बंदरों को भगाने और डराने के लिए चार कर्मचारियों की डयूटी ताजमहल पर लगाई है.
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डीएफओ आदर्श कुमार( DFO Adarsh Kumar) का कहना है कि कमिश्नर आगरा की बैठक में ताजमहल के बंदरों की समस्या को लेकर मंथन किया गया है. कई बिंदुओं पर काम किया जा रहा है. एएसआई की ओर से किस तरह से ताजमहल में बंदरों के प्रवेश को रोका जाए. इस पर काम किया जा रहा है. वहीं, बंदरों को पकड़ने को लेकर अधिकारियों से लगातार चर्चा की जा रही है.
खाने की तलाश में हमलावर बंदर
खाने की तलाश में बंदर ताजमहल परिसर में पर्यटकों पर हमला या छीना झपटी करते हैं. कई बार पर्यटकों के हाथ से कीमती सामान जैसे मोबाइल, पर्स, खाने-पीने की चीजें छीनकर बंदर भाग जाते हैं. बंदरों को लगता है कि यह खाने की चीज है.
नगर निगम और वन विभाग नाकाम
ताजमहल पर उत्पाती बंदरों को लेकर एएसआई लगातार जिम्मेदार नगर निगम व वन विभाग के अधिकारियों को पत्राचार कर रहा है. उत्पाती बंदर पर्यटकों को घायल कर रहे हैं और ताजमहल परिसर में फव्वारा और स्मारक परिसर में तोड़फोड़ करके नुकसान पहुंचा रहे हैं. इतना ही नहीं, सीआईएसएफ के जवानों को भी डयूटी करने में बंदरों की वजह से परेशानी होती है. एएसआई की शिकायत पर नगर निगम और वन विभाग अभी तक ताजमहल पर बंदरों की समस्या के समाधान पर कोई इंतजाम नहीं कर सका है, जिससे आगरा की छवि विदेशों में खराब हो रही है.
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