आगरा:यमुना एक्सप्रेसवे पर सोमवार सुबह अब तक का सबसे बड़ा सड़क हादसा हुआ. बेकाबू रोडवेज बस डिवाइडर पर चढ़ने के बाद 45 मीटर की ऊंचाई से नाले में गिर गई. इसमें 29 लोगों की मौत हो गई, जबकि 23 लोग जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं.
स्थानीय लोग ही बने सहारा
- तेज धमाका और चीख पुकार सुनकर गांव चौगान के ग्रामीण निहाल सिंह मदद के लिए दौड़ पड़े.
- निहाल सिंह ने अपने ही दम पर 12 से ज्यादा घायलों को बस से बाहर निकाला.
- देवदूत बने ग्रामीणों ने घायल बस के परिचालक को बस से बाहर निकाला.
- परिचालक के फोन से पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी गई.
हादसे की कहानी... लोगों की जुबानी
- ईटीवी भारत ने देवदूत बने ग्रामीणों से बातचीत की तो हादसे की भयावहता सामने आई.
- लोगों के मुताबिक बस में पानी भर गया था.
- एत्मादपुर तहसील के गांव चौगान के निवासी निहाल सिंह ने बताया कि वह खेत पर घूमने आया था.
- सुबह के करीब 4 बजकर 30 मिनट रहे होंगे.
- यमुना एक्सप्रेसवे की ओर से तेज धमाके की आवाज सुनाई दी.
- धमाके के साथ चीख-पुकार शुरू होने लगी.
- इस पर वह दौड़कर यमुना एक्सप्रेस वे पर आ गया.
- निहाल ने देखा कि नाले में बस पड़ी हुई थी, जिसमें पानी भर रहा था.
- लोग चीख-पुकार कर रहे थे.
- निहाल ने हाथ देकर पहले व्यक्ति को बस और पानी से बाहर निकाला.
- वह व्यक्ति बस का परिचालक था.
- परिचालक के मोबाइल से पुलिस कंट्रोल रूम और टोल प्लाजा को सूचना दी.
- इसके बाद निहाल ने अपने भाई और ग्रामीणों को फोन किया.
निहाल सिंह का कहना है कि उसने एक-एक करके करीब 12 से 14 लोगों को पानी में घुसकर बस से बाहर निकाला. तब तक गांव के लोग भी आ गए. फिर सभी ग्रामीणों की मदद से बस में फंसे दूसरे अन्य घायलों को बाहर निकाल कर लाए. तभी पुलिस प्रशासन और ग्राम प्रधान जेसीबी लेकर के मौके पर पहुंच गए.