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Published : Jul 8, 2019, 8:48 PM IST

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आगरा: पढ़िए, यमुना एक्सप्रेसवे हादसे की कहानी... लोगों की जुबानी

चौगान गांव के लोग गहरी नींद में सोए हुए थे. अचानक तेज धमाके की आवाज सुनाई देती है और फिर शुरू हो जाता है लोगों के चीखने और पुकारने का सिलसिला. यह वाकया है सोमवार सुबह 4 बजकर 30 मिनट का. यमुना एक्सप्रेव पर रोडवेज बस अनियंत्रित होकर नाले में गिर गई. इस हादसे में 29 लोगों की मौत हो गई. ईटीवी भारत को बातचीत में ग्रामीणों ने इस पूरे मामले का आंखों देखा हाल बताया.

यमुना एक्सप्रेसवे सड़क हादसा.

आगरा:यमुना एक्सप्रेसवे पर सोमवार सुबह अब तक का सबसे बड़ा सड़क हादसा हुआ. बेकाबू रोडवेज बस डिवाइडर पर चढ़ने के बाद 45 मीटर की ऊंचाई से नाले में गिर गई. इसमें 29 लोगों की मौत हो गई, जबकि 23 लोग जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं.

हादसे की कहानी, लोगों की जुबानी.

स्थानीय लोग ही बने सहारा

  • तेज धमाका और चीख पुकार सुनकर गांव चौगान के ग्रामीण निहाल सिंह मदद के लिए दौड़ पड़े.
  • निहाल सिंह ने अपने ही दम पर 12 से ज्यादा घायलों को बस से बाहर निकाला.
  • देवदूत बने ग्रामीणों ने घायल बस के परिचालक को बस से बाहर निकाला.
  • परिचालक के फोन से पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी गई.

हादसे की कहानी... लोगों की जुबानी

  • ईटीवी भारत ने देवदूत बने ग्रामीणों से बातचीत की तो हादसे की भयावहता सामने आई.
  • लोगों के मुताबिक बस में पानी भर गया था.
  • एत्मादपुर तहसील के गांव चौगान के निवासी निहाल सिंह ने बताया कि वह खेत पर घूमने आया था.
  • सुबह के करीब 4 बजकर 30 मिनट रहे होंगे.
  • यमुना एक्सप्रेसवे की ओर से तेज धमाके की आवाज सुनाई दी.
  • धमाके के साथ चीख-पुकार शुरू होने लगी.
  • इस पर वह दौड़कर यमुना एक्सप्रेस वे पर आ गया.
  • निहाल ने देखा कि नाले में बस पड़ी हुई थी, जिसमें पानी भर रहा था.
  • लोग चीख-पुकार कर रहे थे.
  • निहाल ने हाथ देकर पहले व्यक्ति को बस और पानी से बाहर निकाला.
  • वह व्यक्ति बस का परिचालक था.
  • परिचालक के मोबाइल से पुलिस कंट्रोल रूम और टोल प्लाजा को सूचना दी.
  • इसके बाद निहाल ने अपने भाई और ग्रामीणों को फोन किया.

निहाल सिंह का कहना है कि उसने एक-एक करके करीब 12 से 14 लोगों को पानी में घुसकर बस से बाहर निकाला. तब तक गांव के लोग भी आ गए. फिर सभी ग्रामीणों की मदद से बस में फंसे दूसरे अन्य घायलों को बाहर निकाल कर लाए. तभी पुलिस प्रशासन और ग्राम प्रधान जेसीबी लेकर के मौके पर पहुंच गए.

तेज धमाका की आवाज हुई. घर से बाहर आया तो पता चला कि, एक्सप्रेस वे पर बस पलटी है. मैं जब बस के पास आया था तो बस में चीख-पुकार मची हुई थी. बस में पानी भरा था. लोग घबराए हुए थे. जैसे-तैसे दूसरे ग्रामीणों की मदद से मैंने कई घायलों को पानी से बाहर निकाला.

-प्रताप सिंह, ग्रामीण

मेरे पास करीब 4 बजकर 45 मिनट पर इंस्पेक्टर साहब का फोन आया था. उन्होंने कहा कि गांव चौगान के पास बस पलट गई है. जल्दी से जेसीबी लेकर पहुंचो. इस पर मैं अपनी दोनों जेसीबी, अपने भाईयों और अन्य लोगों को लेकर यहां आया तो देखा कि ग्रामीण अधिकतर घायलों को बस से निकाल चुके थे. फिर बस में सवार मृतकों को एक-एक करके बाहर निकाला. घायलों को तत्काल एंबुलेंस की मदद से हॉस्पिटल में भर्ती कराने के लिए भेजा गया.
-राकेश सिकरवार, ग्राम प्रधान, चौगान

यमुना एक्सप्रेस वे पर जब बेकाबू बस बैरिकेड तोड़कर के 45 मीटर की ऊंचाई से नाले में गिरी तो तेज धमाका हुआ . इस धमाके की आवाज और चीख-पुकार से यमुना एक्सप्रेस वे से 500 मीटर की दूरी पर स्थित गांव चौगान के लोग तुरंत हरकत में आए. देवदूत ग्रामीण निहाल सिंह ने पहले पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना दी और फिर अपने ही दम पर बस में फंसे 12 से 14 घायलों को बाहर निकाला.

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