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आगरा : जांच में 16 प्रत्याशियों के नामांकन निरस्त

बुधवार को नामांकन पत्रों की जांच की गई. फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से सर्वाधिक नौ नामांकन निरस्त हुए हैं. अब चुनाव मैदान में 16 प्रत्याशी हैं, जबकि आगरा (सुरक्षित) लोकसभा सीट पर अब चुनाव मैदान में मात्र 11 प्रत्याशी ही रह गए हैं.

नामांकन पत्रों की हुई जांच, 16 प्रत्याशियों के नामांकन निरस्त

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Published : Mar 27, 2019, 10:59 PM IST

आगरा :जनपद की आगरा (सुरक्षित) और फतेहपुर लोकसभा सीट से नामांकन करने वाले प्रत्याशियों के नामांकन पत्रों की जांच की गई. फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से सर्वाधिक नौ नामांकन निरस्त हुए हैं. अब चुनाव मैदान में 16 प्रत्याशी हैं, जबकि आगरा (सुरक्षित) लोकसभा सीट पर अब चुनाव मैदान में 11 प्रत्याशी ही रह गए हैं. जांच में सात प्रत्याशियों के नामांकन निरस्त कर दिए गए हैं.

आगरा सुरक्षित सीट के एक प्रत्याशी का नामांकन अधिवक्ता की गलती के चलते निरस्त हुआ, जिसको लेकर प्रत्याशी ने आपत्ति जताई. अब 29 मार्च को लोकसभा चुनाव में मैदान में रहने वाले प्रत्याशियों की संख्या का पता चलेगा, क्योंकि इस दिन कुछ प्रत्याशी अपना नाम वापस भी ले सकेंगे.

आगरा सुरक्षित लोकसभा सीट से नामांकन करने वाले महेश कुमार का कहना है कि उन्हें फोन करके बुलाया गया और नामांकन में जो गलती थी, उसके लिए उन्होंने फार्म 26 मांगा लेकिन दिया नहीं. इस वजह से मेरा नामांकन निरस्त हुआ. नामांकन निरस्त होने में अधिवक्ता की गलती के साथ ही रिटर्निंग ऑफिसर की भी बड़ी गलती है. मैं शिक्षित बेरोजगार हूं और उन्हीं की आवाज उठाने के लिए चुनाव लड़ रहा था.

नामांकन पत्रों की हुई जांच.

आगरा सुरक्षित लोकसभा सीट के रिटर्निंग ऑफिसर व मुख्य विकास अधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ ने बताया कि नामांकन पत्रों की जांच के बाद आज सात नामांकन निरस्त किए गए, जिनमें एक महेश कुमार का भी नामांकन शामिल है. महेश कुमार को नोटिस दिया गया था और वह समय पर फॉर्म 26 भर कर नहीं लाए, इस वजह से उनका नामांकन निरस्त किया गया.

फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट के लिए मंगलवार को नामांकन के अंतिम दिन तक 25 प्रत्याशियों ने अपना नामांकन दाखिल किया था. बुधवार को नामांकन की जांच हुई और कमियों के आधार पर रिटर्निंग ऑफिसर व जिलाधिकारी एनजी रवि कुमार ने नौ नामांकन को निरस्त कर दिया. इसमें बसपा की ओर से पहले पर्चा दाखिल करने वाले मार्बल कारोबारी राजवीर सिंह का भी पर्चा शामिल था, क्योंकि राजवीर सिंह को बसपा की ओर से बी फॉर्म नहीं दिया गया था. निर्दलीय घोषित होने की वजह से 10 प्रस्तावक की संख्या पूरी न होने की वजह से उनका नामांकन निरस्त कर दिया गया.

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