आगरा: जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बुधवार सुबह 65 पहुंच गई और एक वृद्ध महिला की उपचार के दौरान एसएन मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई. वृद्ध महिला की मौत के बाद अब यह सवाल खड़ा हो गया है कि, जब महिला का नाती नीदरलैंड से लौटकर आया तो परिवार की स्क्रीनिंग क्यों नहीं की गई.
जिला प्रशासन की लापरवाही से 5 निजी हॉस्पिटल और एक क्लीनिक में फैल गया कोरोना बता दें कि वृद्धा अपने नाती से ही कोरोना संक्रमित हुई. इतना ही नहीं सांस लेने में दिक्कत होने पर उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, लेकिन जिला प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी. हालत बिगड़ने पर वृद्धा को गंभीर हालत में एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया.
पोते के संपर्क में आने से हुई संक्रमित
सात अप्रैल को कमला नगर में 76 वर्षीय महिला कोरोना संक्रमित मिली थीं. वृद्धा का नाती 15 मार्च को नीदरलैंड से लौटा था. वह 14 दिन होम क्वारंटीन में रहा. उसकी स्क्रीनिंग हुई तो संक्रमण नहीं मिला, लेकिन घर में उसके संपर्क में आने के कारण दादी को कोरोना हो गया. पांच दिन से ज्यादा समय तक वृद्धा का मुगल रोड स्थित दो अस्पतालों में अस्थमा का ही उपचार चला. तबियत बिगड़ने पर नमूने लिए गए तो उनको कोरोना निकला. जिसके बाद उनको एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया.
एसएन मेडिकल कॉलेज के कार्यवाहक प्राचार्य अशोक आर्य ने बताया कि, कमलानगर की वृद्ध महिला की मौत हुई है, वह कोरोना से संक्रमित थी. उसे सात अप्रैल को एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. बुधवार सुबह साढ़े दस बजे वृद्धा की मौत हो गई.
पांच हॉस्पिटल और एक क्लीनिक के चार चिकित्सक पॉजिटिव
आगरा में कोरोना के चलते लॉकडाउन है, ऐसे में जिला प्रशासन निजी हॉस्पिटलों पर लगाम नहीं लगा सका. कोरोना संक्रमित इन निजी हॉस्पिटल में उपचार कराते रहे, लेकिन निजी हॉस्पिटल संचालक और क्लीनिक संचालक ने कोरोना संक्रमितों की सूचना नहीं दी. अब तक जिले के पांच हॉस्पिटल और एक क्लीनिक के चार लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं और इनके संपर्क में आए छह से ज्यादा लोग कोरोना पॉजिटिव मिले.