लखनऊ: महाविद्यालयों के प्रगति के बिना लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रगति अधूरी है. राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग बिना महाविद्यालयों के सहयोग के संभव नहीं हो सकती. कुलपति ने यह अपेक्षा की है कि आने वाले वर्ष की रैंकिंग में लखनऊ विश्वविद्यालय और अधिक अच्छी स्थिति हासिल करेगा. इस संदर्भ में उन्होंने अकादमिक ऑडिट की भी बात कही और महाविद्यालयों को यह निर्देश दिया कि सभी अपना अकादमिक ऑडिट करा लें.
जिससे कि महाविद्यालयों को भविष्य में किसी भी प्रकार की समस्या न हो. यह बातें शनिवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहीं. कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने लखनऊ, रायबरेली, हरदोई, सीतापुर और खीरी-लखीमपुर के संबद्ध महाविद्यालयों के प्रिंसिपल के साथ बैठक की.
बैठक के प्रारंभ में कुलसचिव लखनऊ विश्वविद्यालय डॉ. विनोद कुमार सिंह ने सभी प्रिंसिपल का स्वागत किया. कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय के निर्देशन में स्नातक एवं परास्नातक प्रवेश विवरणिका का प्रकाशन किया गया. जिससे कि महाविद्यालयों को प्रवेश प्रक्रिया में किसी समस्या का सामना ना करना पड़े. प्रवेश विवरणिका में सभी पाठ्यक्रमों की न्यूनतम योग्यता एवं विश्वविद्यालयों में सीटों की संख्या तथा प्रवेश परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों के विषयों को भी बताया गया है.
इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय में विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश में होने वाली फीस का भी विवरण दिया गया. विश्वविद्यालय द्वारा इस प्रवेश विवरणिका का प्रकाशन काफी वर्षों के बाद किया गया. प्रवेश टीम के एडिशनल कोऑर्डिनेटर डॉ. अनित्य गौरव ने केंद्रीकृत प्रवेश प्रक्रिया के विषय में विस्तार से सभी को अवगत कराया. महाविद्यालयों को इस प्रक्रिया में शामिल होने के लिए आमंत्रित भी किया. उन्होंने केंद्रीकृत प्रवेश में शामिल होने से महाविद्यालयों को होने वाले लाभों से भी अवगत कराया.