लखनऊ : औरंगाबाद खालसा में जमीन का लैंडयूज ग्रीन और जलाशय का था, लेकिन यहां 200 करोड़ लगाकर फ्लैट बनाए गये हैं. 70% काम पूरा होने के बाद अब नगर निगम चाहता है कि एलडीए यहां मास्टर प्लान में बदलाव कर दे. जिससे इस इमारत को एनओसी मिल सके.
बीते तीन साल से भी अधिक समय से नगर निगम प्रशासन राजधानी वासियों को अपनी छत दिलाने का सपना झूठ की नींव पर खड़ा करके दिखा रहा था. नगर निगम ने सरोजनीनगर में औरंगाबाद खालसा आवासीय योजना अहाना एन्क्लेव जलाशय व ग्रीन बेल्ट की भूमि पर बनाई है. इससे पूर्व कानपुर आईआईटी ने भी योजना को हरी झंडी दिखाये जाने पर आपत्ति जताई गई थी, लेकिन उसके बाद भी नगर निगम प्रशासन ने निर्माण कार्य जारी रखा. नगर निगम ने इस साइट में जो भी ग्रीन बेल्ट है उसको आवासीय करने की गुजारिश की है.
नगर निगम अधिकारियों ने सीएम को भी योजना को लेकर झूठे सपने दिखा दिये थे. नगर निगम अधिकारियों ने सीएम को भी नहीं बताया कि जिस जमीन पर परियोजना को बनाया जा रहा है वह ग्रीन बेल्ट जलाशय भूमि है. यही नहीं निगम अधिकारियों ने परियोजना में आने वाले खर्च के लिए दो सौ करोड़ रुपये के बाॅन्ड के लिए बाम्बे स्टॉक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से दो सौ करोड़ रुपये का बाण्ड खरीदा था. जोन आठ स्थित औरंगाबाद खालसा इलाके में नगर निगम की लगभग पांच हेक्टेअर भूमि पर आवासीय योजना बनाकर उससे करोड़ों रुपये के कर्ज को अदायगी की जायेगी. जिस भूमि पर इसे बनाया जा रहा है, उसके खसरा संख्या 1650 1686 17041706 ख, 1710, 1211, 17138 1707, 17051708, 1709क व 1712 महायोजना 2031 में जलाशय व ग्रीन बेल्ट के रूप में दर्ज है.