लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय से एमबीए कर रहे दिव्यांश ने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है. लखनऊ विश्वविद्यालय 101 साल होने को है. आज तक किसी स्टूडेंट को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड नहीं मिला है. दिव्यांश को यह अवार्ड पैराग्लाइडिंग के दौरान सिंगिंग करने पर मिला है. सोचिए कितना मुश्किल है साढ़े आठ हजार फीट की ऊंचाई पर जाकर हवा में गिटार बजाकर गाना गाना.
दिव्यांश का कहना है कि वह अपनी जिंदगी में वो सभी काम करना चाहते हैं जिससे उन्हें डर लगता है. दिव्यांश बताते हैं कि वह बहुत जल्दी किसी से घुल मिल नहीं पाते. यही वजह है कि उनका फ्रेंड सर्किल भी लिमिटेड है. हां, कुछ अलग करने की चाह हमेशा रहती है. उन्होंने बताया कि साढ़े आठ हजार फीट की ऊंचाई पर जाकर गिटार बजाकर सिंगिंग करना बहुत ही चैलेंजिंग था. हालांकि उन्होंने इस चैलेंज को स्वीकार किया और ऑल इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया.
उन्होंने आगे बताया कि इतनी ऊंचाई पर जाकर गिटार बजाना संभव नहीं था पर उनके लिए असंभव भी नहीं था. कहा, 'जब मैं पैराग्लाइडिंग करा रहे गाइडर से बातचीत की तो कुछ ने तो सीधे मना कर दिया था. वहीं, एक गाइडर ने मुझसे कहा कि तुम यहां घूमने-फिरने आए हो, पैराग्लाइडिंग करो और हवा का रुख जैसा होगा, उस हिसाब से हम तुम्हारा सपना भी पूरा कर आएंगे. ऊंचाई पर हवा का रुख सही रहेगा उस समय मैं तुम्हारी रिकॉर्डिंग कर दूंगा और तुम गिटार बजाकर सिंगिंग कर लेना. अगर एक मिनट का समय मिला तो ठीक और नहीं मिला तो कोई बात नहीं'.