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शिक्षा विभाग में तबादले के विरोध में उतरे कर्मचारी, जानिए क्यों स्थानांतरण नीति को लेकर है नाराजगी

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Published : Jun 27, 2022, 7:06 PM IST

शिक्षा विभाग के कर्मचारियों ने नई स्थानांतरण नीति 2022-23 को लेकर विरोध शुरू कर दिया है. कर्मचारियों का कहना है कि स्थानांतरण नीति में 100 प्रतिशत कर्मचारियों के तबादले की बात की गई है, जबकि यह अधिकतम 20 प्रतिशत तक ही हो सकता है.

धरना देकर ज्ञापन सौंपा
धरना देकर ज्ञापन सौंपा

लखनऊ : शिक्षा विभाग के कर्मचारियों ने नई स्थानांतरण नीति 2022-23 को लेकर विरोध शुरू कर दिया है. इस दौरान कर्मचारियों ने सोमवार को लखनऊ में जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर धरना देकर ज्ञापन सौंपा. धरना यूपी एजुकेशनल मिनिस्ट्रियल ऑफिसर्स एसोसिएशन, उत्तर प्रदेश के बैनर तले दिया गया. कर्मचारियों का कहना है कि स्थानांतरण नीति में 100 प्रतिशत कर्मचारियों के तबादले की बात की गई है, जबकि यह अधिकतम 20 प्रतिशत तक ही हो सकता है.


कर्मचारियों ने इस मुद्दे पर कहा कि विभाग ने जल्द से जल्द कोई कार्रवाई नहीं की तो संगठन ने प्रदेश स्तर पर अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन, क्रमिक व आमरण अनशन, हड़ताल के साथ ही न्यायालय की शरण में जाने का निर्णय लिया है. संगठन के लखनऊ अध्यक्ष लोकेश कुमार गुप्ता और जनपद सचिव अवधेश कुमार ने बताया कि सभी साथियों ने कार्यालय पर काली पट्टी बांधकर धरना दिया है. साथ ही शिक्षा निदेशक (बेसिक) लखनऊ को सम्बोधित ज्ञापन भी सौंपा है. अध्यक्ष लोकेश कुमार गुप्ता ने कहा कि तबादला नीति में 10 प्रतिशत तक स्थानांतरण किए जाने की व्यवस्था होती है, वहीं मंत्री के विशेष अनुमोदन पर अधिकतम 20 प्रतिशत तक तबादले किए जा सकते हैं, लेकिन यहां सौ फीसद तक तबादले किए जा रहे हैं. यह गलत है. इसको लेकर संगठन की ओर से विरोध शुरू किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि अगर मांगें पूरी नहीं होती हैं तो दो दिन बाद आंदोलन किया जाएगा.

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अभी तक मांगें नहीं हो पाईं पूरी :संगठन की तरफ से बीते दिनों कई मांगों को लेकर अपर शिक्षा निदेशक (बेसिक) प्रयागराज से वार्ता की गई थी. संगठन ने माध्यमिक/बेसिक शिक्षा विभाग में अपनी कई मांगों को रखा था. संगठन ने आन्दोलन के संबंध में ज्ञापन सौंपा था. उनका आरोप है कि अभी तक मांगें पूरी नहीं हुई हैं.

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