लखनऊ : यूपी इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजों में पढ़ाई के साथ-साथ स्टूडेंट्स अब कबड्डी खो-खो, कुश्ती जैसे खेल खेलेंगे. डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (AKTU) की तरफ से यह फैसला लिया गया है. विश्वविद्यालय में शुक्रवार को कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र की अध्यक्षता में अधिष्ठाताओं की बैठक हुई. बैठक में एनसीसी, एनएसएस स्थापित करने और पारंपरिक खेल शुरू करने पर विचार किया गया. इस दौरान संबद्ध कॉलेजों में पारंपरिक खेल शुरू करने पर विचार किया गया.
बैठक में कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र ने कहा कि विश्वविद्यालय को बेहतर करने में सभी को अपने काम में तेजी लाना जरूरी है. जो दायित्व दिये गये हैं उन्हें समय से पूरा किया जाए. सभी अधिष्ठाताओं से विश्वविद्यालय की बेहतरी में सुझाव देने के लिए भी कहा. साथ ही उन्होंने कहा कि सभी लंबित कार्य जल्द पूरा किया जाए. कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र ने कहा कि विश्वविद्यालय में एनसीसी और एनएसएस होने से छात्रों को काफी फायदा मिलेगा. इसके लिए उन्होंने एक समिति भी बनायी है.
एलुमनाई को जोड़ने की पहल : विश्वविद्यालय से निकले तमाम पुरातन छात्र अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी पहचान बना रहे हैं. ऐसे छात्रों को विश्वविद्यालय से जोड़ने के लिए एलुमनाई बनाने पर मंथन किया गया. एक सोसाइटी पंजीकृत कर पुरातन छात्रों को जोड़ने पर सहमति बनी. इसके लिये प्रस्ताव मांगे गये. बैठक में प्रति कुलपति प्रो. मनीष गौड़, उप कुलसचिव डॉ. आरके सिंह, प्रो. एचके पालिवाल, प्रो. ओपी सिंह, प्रो. वंदना सहगल, डॉ अनुज शर्मा सहित अन्य लोग मौजूद रहे.
यूपी के इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजों में छात्र खेलेंगे कबड्डी और कुश्ती, AKTU ने लिए यह फैसले
यूपी इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजों में पढ़ाई के साथ-साथ स्टूडेंट्स अब कबड्डी खो-खो, कुश्ती जैसे खेल खेलेंगे. डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (AKTU) की तरफ से यह फैसला लिया गया है.
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कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र की अध्यक्षता में प्रदेश में इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फॉर्मेसी एंड बायोइंजीनियरिंग एजुकेशन एंड रिसर्च स्थापित करने के लिए कोर कमेटी की बैठक हुई. बैठक में संस्थान को जल्द से जल्द स्थापित करने पर चर्चा की गयी. कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र ने कहा कि संस्थान स्थापित करने के लिए प्राथमिकता के आधार पर एक रूपरेखा तैयार की जाए. साथ ही डीपीआर बनाने के लिए एजेंसी या संस्था नामित हो. बैठक में ऑनलाइन जुड़े मुख्यमंत्री के सलाहकार जीएन सिंह ने कहा कि इस संस्थान को स्थापित करने के लिये सबसे पहले जरूरी है कि एक रूपरेखा तैयार की जाये.
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