गोरखपुर :शहरों में बढ़ते प्रदूषण की वजह से लोग सेहत की सुरक्षा और स्वास्थ्य लाभ के लिए पार्कों का सहारा ले रहे हैं. बूढ़े हों या जवान मौज-मस्ती और आनंद लेने के साथ स्वास्थ्य के लिए इन पार्कों में चहल कदमी करते और खेलते-कूदते नजर आते हैं. बरसों पुराना गोरखपुर का विंध्यवासिनी पार्क इसका जीता जागता उदाहरण है, जहां हर रोज हजारों की संख्या में लोग टहलने के लिए और पार्क में स्थापित विभिन्न सुविधाओं का लाभ लेने के लिए पहुंच रहे हैं. यही वजह है कि प्रशासन भी यहां सुविधाओं को बढ़ाने में लगा रहता है.
गोरखपुर का यह पार्क बना लोगों के आकर्षण का केंद्र
गोरखपुर में विंध्यवासिनी पार्क लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. बूढ़े हों या बच्चे सभी यहां स्वास्थ्य और आनंद के लिए पार्क में पहुंच रहे हैंं. यही वजह है कि प्रशासन भी यहां लगातार सुविधाओं को बढ़ाने का प्रयास करता रहता है.
विंध्यवासिनी पार्क शहर के बीचों-बीच स्थित है, जिसकी निगरानी और सुविधाओं को बढ़ाने की जिम्मेदारी उद्यान विभाग के जिम्मे है. सुबह में ताजी हवा और जिम की सुविधा जहां लोगों को इस पार्क में खींच लाती है, तो शाम को यहां की मनोहारी लाइटें और बरसों पुराने बंद पड़े फौव्वारे के साथ निकलती रंग-बिरंगी लाइटेलोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. परिवार के साथ भी यहां घूमने टहलने आने का अपना अलग ही आनंद है. छोटे-छोटे बच्चे भी झूलों पर खूब मौज मस्ती करते हैं तो फौव्वारा स्कूली बच्चों के लिए सेल्फी पॉइंट बन गया है. जिला उद्यान अधिकारी बलजीत सिंह की मानें तो लोगों को और बेहतर सुविधा देने का प्रयास उद्यान विभाग कर रहा है.
यह पार्क इतना खास है कि शहर का कोई भी व्यक्ति यहां बर्बस ही चला आता है. गोरखपुर के मेयर सीताराम जायसवाल का तो यह भ्रमण केंद्र है. वह अक्सर यहां घूमते टहलते नजर आते हैं. नौकरीपेशा लोग हों या व्यापारिक प्रतिष्ठानों में काम करने वाले लोग, विंध्यवासिनी पार्क सबको भाता है. मौजूदा समय में यहां पर सुविधाओं का विस्तार हो रहा है.सुबह और शाम भक्तिमय धुन तो यहां बजती ही है. आने वाले समय में बहुत जल्द देश भक्ति गीतों का एक म्यूजिकल प्वाइंट भी यहांस्थापित किया जाएगा, जिससे आने वाले लोगों में देश भक्ति की भावना का भी संचार होगा.