धमतरी: छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में एक ऐसा मंदिर है, जहां लोग भगवान की नहीं, अखबार की पूजा करते हैं. अब आप सोच रहे होंगे की अखबार में ऐसा क्या है कि लोग इसकी पूजा कर रहे हैं. तो आपको बता दें कि ये कोई मामूली अखबार नहीं है. ये 15 अगस्त 1947 को छपा अखबार है, जो यहां एक महीने बाद पहुंचा. जिसके बाद यहां के लोगों को पता चला कि उनका देश आजाद हो गया है.
SPECIAL: आजादी की खबर लाने वाले अखबार को यहां पूजते हैं लोग
आपने भगवान का मंदिर देखा होगा, इंसान का मंदिर देखा होगा. जानवरों का मंदिर देखा होगा, शैतान का भी मंदिर देखा होगा पर क्या आपने कभी अखबार का मंदिर देखा है, अगर नहीं तो आज हम आपको अखबार के मंदिर के दर्शन कराएंगे.
यहां के ग्रामीणों को आजादी की खबर किसी जश्न से कम नहीं लगी. ग्रामीणों को ये संदेश देने वाला अखबार भी भगवान के दूत जैसा लगा. इसके बाद यहां के लोगों ने इस अखबार को सहेज कर रखने की सोची.
15 अगस्त और 26 जनवरी को लगता है मेला
आजादी की खबर यहां के ग्रामीणों को एक दिव्य स्वप्न जैसी लगी. बाद में यहां के ग्रामीणों ने तय किया कि वे उस अखबार की पूजा करेंगे, जिसने उन्हें जिंदगी के सार के साथ आजादी का समाचार दिया है. ग्रामीणों की इच्छा पर 1990 में यहां एक मंदिर का निर्माण कराया गया, जिसमें उस अखबार को भगवान की उपाधि दी गई और तब से यहां हर 26 जनवरी और 15 अगस्त को आजादी का मेला लगने लगा.