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झांसी: गोवंशों के लिए चारे और बिछौने की होगी व्यवस्था, जानें कैसे?

उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में पराली जलाने से पैदा होने वाली समस्या से निपटने के लिए योजना तैयार की गई है. दरअसल पराली को गोशालाओं तक पहुंचाया जाएगा ताकि इसका इस्तेमाल गोवंश के चारे और ठंड के मौसम में बिछाने के तौर पर किया जा सके.

पराली समस्या का समाधान
पराली समस्या का समाधान

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Published : Nov 12, 2020, 4:37 PM IST

झांसी: पराली को जलाने से जहां पर्यावरण प्रदूषण की समस्या पैदा हो रही है तो वहीं दूसरी ओर इसके बेहतर प्रबंधन से कई तरह की समस्याओं के निराकरण की भी सम्भावना पैदा हो जाती है. शासन के निर्देश पर जिले में पराली को गोशालाओं तक पहुंचाने की योजना से इस समस्या पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है. वहीं अफसरों का कहना है कि इस पराली का चारे के अलावा सर्दी के मौसम में गोवंश के लिए बिछाने के रूप में उपयोग किया जा सकेगा.

मनरेगा के तहत होगा काम
झांसी जनपद के कृषि विभाग के उप निदेशक आर के सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि पराली की समस्या से निपटने के लिए इस बार सरकार ने सभी पशु चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि ग्राम प्रधानों से मिलकर पराली इकट्ठा करने के बाद गोशालाओं में भिजवाई जाए. मनरेगा के तहत पैसा खर्च कर यह काम कराया जाएगा.

सर्दी में बिछावन के रूप में होगा उपयोग
उप निदेशक आर के सिंह के मुताबिक एक ओर जहां पराली गोशालाओं में जानवरों के खाने के काम आएगी तो वहीं ठंड के मौसम में नीचे बिछाने के भी काम में लाई जा सकेगी. यह सरकार की एक बेहतरीन योजना है. इसके संचालन से जो लोग पराली में आग लगा दिया करते थे, अब इस तरह से उसका प्रबंधन किया जा सकेगा और पराली का सदुपयोग किया जा सकेगा.

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