फैजाबाद : राम मंदिर मामले में एक बार फिर नया मोड़ आया है. निर्मोही अखाड़े ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है. याचिका के जरिए निर्मोही अखाड़ा ने जमीन वापस देने की मांग की है. अखाड़े ने राम जन्मभूमि मामले से संबंधित विवादित जमीन को छोड़कर केन्द्र सरकार द्वारा अधिग्रहित की गई शेष जमीन में से निर्मोही अखाड़ा की जमीन को उन्हें वापस देने की मांग की है.
राम मंदिर मामला: निर्मोही अखाड़ा ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की याचिका, मांगी अपनी जमीन
निर्मोही अखाड़े ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है. अखाड़े ने राम जन्मभूमि मामले से संबंधित विवादित जमीन को छोड़कर केन्द्र सरकार द्वारा अधिग्रहित की गई शेष जमीन में से निर्मोही अखाड़ा की जमीन को उन्हें वापस देने की मांग की है.
निर्मोही अखाड़ा का कहना है कि केन्द्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में विवादित जमीन को छोड़कर शेष जमीन पर अधिग्रहण की बात कही गई थी. अखाड़ा का कहना है कि दाखिल की गयी याचिका में यह स्पष्ट नहीं किया गया था कि जो अधिग्रहित भूमि या मंदिर है वह किसे दिए जाएंगे. इस याचिका पर निर्मोही अखाड़ा ने ऑब्जेक्शन किया है और सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि जो अधिग्रहित भूमि है वो निर्मोही अखाड़ा को ही वापस की जाए. निर्मोही अखाड़े के 12 मंदिर उस स्थल पर हैं इसलिए निर्मोही अखाड़ा को पार्टी बनाया जाए.
निर्मोही अखाड़ा के वकील तरुण जीत वर्मा ने बताया कि यह याचिका केन्द्र सरकार के द्वारा 29 जनवरी को दी गई याचिका के अगेंस्ट है. निर्मोही अखाड़ा ने याचिका के जरिए पार्टी बनने की मांग की है. उन्होंने बताया कि याचिका के जरिए अखाड़े की जमीन को वापस देने की मांग की गई है. वकील वर्मा ने बताया कि हमारी तकरीबन जमीन 2.7 एकड़ से ज्यादा ज़मीन है, जिसमें करीब 12-13 मंदिर हैं. इसी को हम लोगों ने रिटर्न करने की मांग की है.