रामपुर में वोट बनवाने के लिये हाईकोर्ट में दी दस्तक
वोट बनवाने के लिए सुखविन्दर सिंह को हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा. सुखविन्दर सिंह 2010 से 2015 तक जिला पंचायत सदस्य भी रह चुके हैं और दो बार नवाबगंज सहकारी समिति के चेयरमैन भी रह चुके हैं. मौजूदा समय में सुखविन्दर सिंह बसपा के जिला प्रभारी हैं.
पीड़ित सुखविन्दर सिंह
रामपुर:एक वोट की कीमत हार जीत के लिए बहुत एहमियत रखता है.कभी -कभी एक वोट की वजह से जीत कर कोई भी व्यक्ति मंत्री बन जाता है. लेकिन अगर किसी इंसान का वोट ही नहीं है तो वे इंसान नेताओं के किस काम का...जी हां, हम जो आप को बताने जा रहे हैं आप को सुनने में अजीब लगेगा, लेकिन यही सच है. एक व्यक्ति को अपना वोट बदलने के लिये हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा. जिस पर कोर्ट ने संज्ञान लिया और डीएम को वोट बनाने काआदेश दिया.
रामपुर की तहसील बिलासपुर के हामीदाबाद गांव में सुखविंदर सिंह अपने परिवार के साथ रहता है. पूर्व में सुखविंदर सिंह श्रीनगर गांव में रहता था जो हामीदाबाद गांव से एक किलोमीटर दूरी पर है. सुखविन्दर सिंह ने अपने पुराने गांव श्रीनगर से वोटर लिस्ट से नाम कटवा कर गांव हामीदाबाद में करने के लिए आवेदन किया था.उसकी किसी अधिकारी और कर्मचारी ने नहीं सुनी तो थक हार कर सुखविन्दर सिंह ने हाई कोर्ट की शरण ली.कोर्ट में 24 फरवरी 2018 को एक रिट दायर की जिसमें कोर्ट ने संज्ञान लिया और 7 मार्च 2018 को कोर्ट में सुनवाई हुई.कोर्ट ने डीएम को वोट बनाने के लिए आदेश दिये.
सरकार वोट बनवाने के लिये लोगों को जागरूक कर रही है और लोगों से अपने वोट बनवाने की अपील कर रही है. लेकिन एक व्यक्ति अपना वोट बनवाने के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहा है और उसकी कोई सुनने वाला नहीं है.
वहीं इस मामले पर पीड़ित सुखविन्दर सिंह ने बताया कि उन्होंने बीएलओ को आवेदन दिया था. उसके बाद वहउपजिलाधिकारी से मिले उन्होंने वोट बनाने से साफ मना कर दिया. कहा तुम्हारावोट नहीं बनेगा.इसलिए मैने हाईकोर्ट की शरण ली. जिसमें कोर्ट ने डीएम साहब को नियमानुसार वोट बनाने काआदेश कियाहै.
इस मामले पर डीएम आंजनेय कुमार ने बताया एक जगह से दूसरी जगह का शिफ्टिंग का मामला था और नियम ये है कि 6 महीने तक उस जगह का निवासी होना चाहिए. पहले जो इन्होंने शरुआत में पेपर लगाये थे. वे 6 महीने तक का शो नहीं कर रहे थेअब जो इन्होंने पेपर दियाहैवोसही हैं.इसलिए हमने इनका वोट बनवाने काआदेश कर दियाहै.