रामपुर: योगी सरकार में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें एक कोतवाल और 4 दारोगा पर रिपोर्ट दर्ज की गई है. दरअसल कोर्ट के आदेश पर रामपुर के थाना अजीमनगर में एक कोतवाल और 4 दारोगा पर रिपोर्ट दर्ज की गई है. मामला 2015 का है, जिसमें इन लोगों ने सही जांच नहीं की थी और कुछ तथ्य भी छिपाए गए थे. इस वजह से इन पांचों पर मुकदमा दर्ज किया गया है.
आखिर क्या है मामला :
- रामपुर के थाना अज़ीमनगर के खण्डिया निवासी कमला देवी ने अपने साथ घटित घटना के सम्बंध में थाना अज़ीमनगर में मुकदमा दर्ज कराया था.
- घटना 19 अप्रैल 2015 की है. कमला अपने जेठ दाताराम उर्फ ध्यान सिंह के साथ थाना अजीमनगर गयी.
- घटना की लिखित तहरीर तत्कालीन थानाध्यक्ष कुशलवीर सिंह को दी.
- कुशलवीर सिंह ने घटना की तहरीर पर कोई भी अभियोग पंजीकृत नहीं किया.
- पीड़ित महिला का कोई मेडिकल परीक्षण नहीं कराया गया.
- पीड़िता ने मजबूर होकर खुद 20 अप्रैल 2015 को ज़िला अस्पताल में अपना मेडिकल परीक्षण कराया.
- थाने पर मुकदमा दर्ज नहीं होने पर पीड़िता ने कोर्ट की शरण ली और 156/3 में मुकदमा दर्ज कराया.
- इसमें 4 दारोगा और एक तत्कालीन थानाध्यक्ष पर रिपोर्ट दर्ज न करने का आरोप था.
- पीड़ित महिला ने खुद मेडिकल परीक्षण ज़िला अस्पताल में कराए जाने की बात कही.
- विवेचक द्वारा मेडिकल परीक्षण न प्राप्त होने के कारण के सम्बंध में कोई स्पष्ट टिप्पणी केस डायरी में अंकित नहीं की गई.
- पीड़ित महिला ने अपने 162 और 164 के बयान में अपने कपड़े भी फाड़ने की बात कही थी.
- लेकिन किसी भी विवेचक ने पीड़िता के फटे हुए कपड़ों को कब्जे में लेकर सील-मोहर नहीं किया.
- न ही फटे हुए कपड़ों का कोई खास कारण अपराध दैनिकी में दर्ज किया गया.
- कमला के अनुसार, अभियुक्तों द्वारा चलाई गई गोली से नन्हे उर्फ जमुना प्रसाद घायल हो गया था.
- पुलिस द्वारा घायल के इलाज की बात कही गई है.
- किसी भी विवेचक ने केस डायरी में मेडिकल रिपोर्ट सम्मिलित नहीं की है.
- इन सब उत्पीड़न की वजह से पीड़िता ने कोर्ट की शरण ली थी.