सूरतगढ़ (श्रीगंगानगर). सरकारी अस्पताल में नसबंदी शिविर में ऑपरेशन के बाद हुई 2 महिलाओं की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच के लिए सोमवार को सूरतगढ़ पहुंची. परिवार कल्याण प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. गिरीश द्विवेदी के नेतृत्व में टीम ने सरकारी अस्पताल के ब्लॉक कार्यालय में मृतकाओं के परिजनों, शिविर में ऑपरेशन के बाद भर्ती अन्य महिलाओं, नर्सिंग स्टाफ, एंबुलेंस चालक, एएनएम और आशा सहयोगिनी सहित 15 लोगों के बयान दर्ज किए.
बता दें कि शिविर में ऑपरेशन के बाद वार्ड में भर्ती 5 महिलाओं से शिविर की व्यवस्था, घर से ले जाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था के बारे में जानकारी ली. स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. देवेंद्र चौधरी ने बताया कि महिलाओं की मौत से पहले उनके घर से लाने में 2-3 घंटे का समय लगा था. इससे उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी. वहीं, मेडिकल बोर्ड से हिस्ट्री पैथोलोजिकल जांच और बिसरा की रिपोर्ट भी भेजी गई है. यह सही है की अस्पताल प्रशासन की लापरवाही सामने आ रही हैं. जिसकी कमेटी जांच रिपोर्ट बनाकर राज्य सरकार को भेजेगी. यदि जांच में डॉक्टर की लापरवाही सामने आई तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. टीम में बीकानेर के अतिरिक्त डिप्टी सीएमएचओ डॉ. योगेंद्र तनेजा, डॉ. मुकेश मेहता, जिला प्रजनन अधिकारी डॉ. एचएस बराड़, ईएमओ डॉ. अनामिका और सर्जन डॉ. जसवीर सिंह गिल शामिल थे.
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मृतका के घर पहुंची टीम