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श्रीगंगानगरः कर्ज में डूबे किसान ने की आत्महत्या, बकाया था 19 लाख रुपए का लोन

श्रीगंगानगर के सूरतगढ़ में कर्ज के चलते एक किसान ने आत्महत्या कर ली. बुधवार को मृतक ने अपने खेत पर जाकर कीटनाशक पी लिया, जिससे उसकी मौत हो गई. वहीं मृतक के बड़े भाई ने इस संबंध मर्ग में दर्ज करवा दिया है.

श्रीगंगानगर न्यूज, Sriganganagar news
किसान ने कर्ज से तंग आकर की आत्महत्या

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Published : Dec 25, 2019, 11:35 PM IST

सूरतगढ़ (श्रीगंगानगर). जिल में कर्ज ने फिर एक किसान की जान ले ली. जहां सूरतगढ़ सदर थाना क्षेत्र के गांव सीलवानी में बुधवार को एक किसान ने कर्ज से तंग आकर खेत में कीटनाशक का सेवन कर खुदकुशी कर ली. मृतक ओमप्रकाश उर्फ धर्मपाल सुथार (45) सुबह घर से ट्रैक्टर लेकर खेत गया था. तभी वहां उसने कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली. मृतक की जेब से एक सुसाइड नोट मिला है. वहीं मृतक के बड़े भाई शेराराम ने इस संबंध मर्ग दर्ज करवाई है.

किसान ने कर्ज से तंग आकर की आत्महत्या

खेत पर जाकर पीया कीटनाशक

पुलिस के अनुसार ओमप्रकाश सुबह करीब 9 बजे घर पर खेत जाने का कह कर ट्रैक्टर लेकर निकला था. इसी बीच बेटे विकास के पास उसका फोन आया कि उसने कीटनाशक पी ली है. जब परिवार के लोग खेत पहुंचे, तब तक तो वह बदहाल अवस्था में था. परिजन उसे निजी वाहन से एक निजी अस्पताल लाए.

लेकिन, हालत गंभीर होने पर उसे सरकारी अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.पुलिस ने पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों के सुपुर्द दिया है.

9 बीधा जमीन बच्चों की शादी में गई

मिली जानकारी के अनुसार ओमप्रकाश उर्फ धर्मपाल सुथार के हिस्से में पिता से 14 बीघा जमीन है, इनमें 9 बीघा बारानी है. जमीन पर उसने अलग-अलग मद करीब 12 लाख रुपए का ऋण लिया था, जिससे उसने दो बेटियों और एक बेटे की शादी की.

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मृतक 4 भाइयों में सबसे छोटा था, उसके 2 बेटियां और 2 बेटे हैं. इनमें 2 बेटियां और 1 बेटा शादीशुदा है. गांव में वह अपने हिस्से में आई 14 बीघा जमीन में खेती करता था. 14 बीघा जमीन में से 9 बीघा से उसने तीन बच्चों की शादी की, जिसमें ब्याज से कर्ज बढ़ता रहा.

बढ़ता गया ब्याज, 19 लाख हुई कर्ज की राशि

घरेलू जिम्मेदारियों तो कभी अपेक्षित फसल न हो पाने से कर्ज चुकता नहीं हो पाया, जिससे किश्तें बकाया चलती रही. ब्याज जुड़ता रहा. इस बीच बैंक से नोटिस भी आए. नोटिस मिलने पर उसने इस संबंध में बड़े भाई हंसराज से चर्चा की. बड़े भाई ने दिलासा दिया और बैंक का बकाया पता करने गए. वहां पता चला कि यह राशि 19 लाख से भी अधिक हो चुकी है.

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परिजनों के अनुसार बैंक अधिकारियों ने मंगलवार को ही ब्याज सहित राशि के भुगतान के लिए कहा था. परिजनों का कहना है कि कर्ज चुकाने को लेकर ओमप्रकाश चिंतित और परेशान तो था, लेकिन मानसिक तनाव में आकर ऐसा कदम उठाएगा इसका आभास तक नहीं होने दिया.

सुसाइड नोट में आत्महत्या का कारण कर्ज बताया

हेड कांस्टेबल राजकुमार ने बताया कि मृतक किसान की जेब से कागज मिला है, जिसमें लिखा है कि, मैंने कर्जे के डर से आत्महत्या करी है. किसी ने मेरा कुछ खाया है, न और किसी को कुछ मत कहना, किसी को दोष देना.हेडकांस्टेबल ने बताया कि नोट के आधार पर आत्महत्या के कारणों की जांच की जाएगी. हालांकि इस सुसाइड नोट पर हस्ताक्षर नहीं हैं. जेब में एक बॉलपैन और बीड़ी का बंडल भी मिला है.

मृतक के बड़े भाई ने कहा कि ओमप्रकाश बैंक के कर्ज से परेशान था, उसने ग्रामीण बैंक से केसीसी पर 8 लाख और गोल्डन कार्ड पर 4 लाख रुपए ऋण ले रखा था. बैंक में ब्याज सहित ऋण का भुगतान करना था. मेरे साथ 2 दिन पहले बैंक आया था. बैंक अधिकारियों ने ऋण के ब्याज सहित बकाया राशि भरने को कहा था.

तब भाई ने कहा कि वह इतनी राशि भरने में सक्षम नहीं है और वो हम घर वापस आ गए. मंगलवार रात छोटा भाई बोलांवाली से आए बहनोई मोहनलाल के साथ कमरे में सोया था, तब भी उसने कोई जिक्र नहीं किया. इसके बाद बुधवार सुबह उसने खेत में जाकर कीटनाशक का सेवन कर लिया.

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