राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा का बयान. सीकर/झुंझुनू. राज्य मंत्री और उदयपुरवाटी विधायक राजेंद्र सिंह गुढ़ा के खिलाफ गुरुवार को किडनैपिंग का मामला दर्ज हुआ है. वार्ड नंबर 31 निवासी दुर्ग सिंह ने किडनैपिंग की रिपोर्ट नीमकाथाना (सीकर) में दी है. उसने आरोप लगाया है कि वह उदयपुरवाटी में कई कार्यक्रमों में शामिल होता रहता है, इसी बात को लेकर मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा उनसे रंजिश रखते हैं. पीड़ित ने मंत्री पर आरोप लगाया कि करीब 15 दिन पहले राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने फोन कर धमकाया था. वहीं, इस मामले में मंत्री गुढ़ा का रिएक्शन सामने आया है, उन्होंने इसके लिए सीएम अशोक गहलोत को जिम्मेदार ठहराया है.
पीड़ित ने रिपोर्ट में बताया कि मंत्री ने कहा, तेरे को राजनीति करना सिखाऊंगा. ऐसे में जब जवाब दिया तो फोन काट दिया. रिपोर्ट में दुर्गा सिंह ने बताया कि 27 जनवरी को दोपहर करीब 12 बजे मंत्री ने पहले फोन किया और लोकेशन पूछी. पीड़ित ने अपनी लोकेशन नीमकाथाना बताया. इसके आधे घंटे बाद राजेंद्र गुढ़ा अपने ड्राइवर और पीए कृष्ण कुमार के साथ अपनी सरकारी गाड़ी में आए. मंत्री के साथ एक अन्य लाल रंग की गाड़ी और एक पुलिस की गाड़ी भी थी. गुढ़ा के अलावा करीब 10 लोग और एक महिला विमला कंवर भी उनके साथ पहुंची थी.
पढ़ें:ABVP Protest in Bharatpur: गहलोत सरकार के आदेश के खिलाफ एबीवीपी का प्रदर्शन, पुलिस के साथ झड़प
ब्लैंक चेक पर साइन करवाया: वार्ड पंच ने आरोप लगाया कि गुढ़ा ने कॉलर और गर्दन पकड़ कर मुझे अपनी सरकारी गाड़ी में बैठा लिया. इसके बाद फॉर्म हाउस पर ले जाने लगे. रास्ते में उन्होंने उदयपुरवाटी थाना अधिकारी को फोन कर कहा कि दुर्गा सिंह को लेकर आया हूं यह मान जाता है तो ठीक, नहीं तो उस पर ऐसा मुकदमा लगाना कि एक 2 साल तक बाहर नहीं आ पाए. वार्ड पंच ने रिपोर्ट में गुढ़ा पर ब्लैंक चेक पर साइन करवाने का भी आरोप लगाया है.
पढ़ें:Rajasthan Assembly: विधानसभा में बोले कटारिया, 'प्रदेश सरकार जाति-धर्म देख कर रही काम'
पायलट समर्थक हैं मंत्री गुढ़ा: रिपोर्ट में दुर्गा सिंह ने बताया कि मंत्री ने मुझे धमकी देते हुए कहा कि बड़ा नेता बन गया है, तू यहां से जिन्दा जाना चाहता है तो मेरा विरोध करना बंद कर दें. उन्होंने खुद मेरे छोटे भाई विक्रम सिंह को फोन किया. बता दें कि पायलट समर्थक माने जाने वाले गुढ़ा ने पिछले साल कहा था कि इस बार उनका जेल जाने का लाइसेंस रिन्यू नहीं हुआ है. सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र गुढ़ा बसपा से कांग्रेस में शामिल होकर मंत्री बने हैं. पायलट कैंप की बगावत के समय बसपा के विधायकों ने गहलोत सरकार को बचाने में अहम भूमिका निभाई थी. इस बारे में जब गुढ़ा से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने फोन नहीं उठाया.
मंत्री ने सीएम गहलोत को ठहराया जिम्मेदारःनीम का थाना कोतवाली में प्रकरण दर्ज होने के बाद मंत्री राजेंद्र गुढ़ा का बयान सामने आया है. उन्होंने इसके लिए सीएम अशोक गहलोत को जिम्मेदार ठहराया है. उनकी सहमति के बिना मामला दर्ज नहीं होता. मंत्री ने सीएम अशोक गहलोत पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री ही गृहमंत्री हैं. उन्हें अपने मंत्री पर इतना भी इकबाल नहीं कि इस मुकदमे से पहले मेरी जानकारी ले लेते, कि मामला क्या है?. गुढ़ा ने कहा कि मैने पिछली सरकार में भी मुख्यमंत्री के साथ काम किया था, अभी भी कर रहा हूं. मंत्री पर कोई मुकदमा हो, वो सीएम की जानकारी के बिना नहीं हो सकता. होम मिनिस्ट्री भी अशोक गहलोत के पास है. सीएम को कहूंगा अपनी टीम पर विश्वास रखें.
वहीं, मंत्री ने वार्ड पंच को लेकर कहा कि वह लोगों के साथ चीट करता है. वार्ड पंच से पीड़ित महिला विमला कंवर उनके पास आई थी. विमला दो बच्चियों को लेकर आत्महत्या करने की हालत में थी. मंत्री ने कहा कि मेरे पास पैसे की व्यवस्था नहीं थी. एक-दो लोगों को बोलकर पैसे की व्यवस्था कराई. उसकी बच्चियों की शादी थी. महिला की मदद का मेरे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं था. उन्होंने यह भी कहा कि वार्ड पंच पहले से टूटा हुआ है, उसका एक्सीडेंट हुआ था, उसकी क्या पिटाई करता.