राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

राजसमंद में भाजपा से बागी होकर देवर-भाभी ने लड़ा चुनाव, दोनों जीते...

राजसमंद के कोठारिया क्षेत्र से पूर्व विधायक कल्याण सिंह चौहान के छोटे बेटे वैभव राज चौहान और बड़े बेटे की पत्नी प्रियंका कुंवर ने चुनाव जीत लिए हैं. दोनों ही चुनाव के दौरान भाजपा से बागी हो गए थे.

rajsamand news, panchayati raj election 2020
राजसमंद में भाजपा से बागी होकर देवर-भाभी ने लड़ा चुनाव

By

Published : Dec 8, 2020, 9:59 PM IST

राजसमंद. जिले की खमनोर पंचायत समिति के कोठारिया क्षेत्र से पूर्व विधायक कल्याण सिंह चौहान के छोटे बेटे वैभव राज चौहान वार्ड 14 से और बड़े बेटे की पत्नी प्रियंका कुंवर ने वार्ड 15 से चुनाव जीत लिए हैं. दोनों ही भाजपा से चुनाव से ठीक पहले बागी हो गए थे. वैभव राज ने चुनाव से ठीक पहले पाला बदल कर कांग्रेस के टिकिट से चुनाव लड़ा था. वहीं प्रियंका कुंवर ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़कर जीत दर्ज की है.

वैभ वराज चौहान ने वार्ड 14 में भाजपा के लहरू लाल को 1380 वोटों से मात दी है, जबकि प्रियंका कुंवर ने वार्ड 15 में कांग्रेस की सोनाली जोशी को 1273 मतों से हराया है. नतीजे के बाद दोनों ने एक साथ विजय जुलूस भी निकाला है. हालांकि पूर्व विधायक कल्याण सिंह चौहान के बड़े बेटे योगेंद्र सिंह अभी भी भाजपा का हिस्सा है और उन्होंने पार्टी के साथ ही रहने का निर्णय किया है.

चित्तौड़गढ़ जिला परिषद में भाजपा का बोर्ड बनना तय...

पंचायत समिति के बाद जिला परिषद में भी कांग्रेस को मायूसी हाथ लगी. भाजपा के प्रत्याशी एक के बाद एक कर जीतते गए और कांग्रेस 4 के आंकड़ों में ही सिमट कर रह गई है. भारतीय जनता पार्टी के 21 प्रत्याशी मैदान मार गए और भारी बहुमत से पार्टी फिर से जिला परिषद में अपना बोर्ड बनाने जा रही है. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि हारने वालों में सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के भाई मनोहरलाल आंजना भी शामिल है. अब सबकी नजरें जिला प्रमुख पद पर टिक गई है कि आखिर भारतीय जनता पार्टी किसे सत्ता का ताज पहनाने जा रही है.

यह भी पढ़ें-कॉलेज प्रबंधन को सुप्रीम कोर्ट की लताड़, कहा- छात्रा को दें 10 लाख रुपये मुआवजा

इस चुनाव में सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के साथ-साथ पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह जाड़ावत, बेगू विधायक राजेंद्र सिंह बिधूड़ी, बड़ी सादड़ी के पूर्व विधायक प्रकाश चौधरी की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी थी. सहकारिता मंत्री के भाई मनोहर आंजना अपने वार्ड को नहीं जीत पाए और बुरी तरह से चुनाव हार गए. पार्टी के अन्य नेता भी अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं के साथ पूरी तरह से जुटे थे, लेकिन सारे नेताओं को मायूसी ही हाथ लगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details