प्रतापगढ़. कोरोना महामारी के कारण शिक्षा में आए व्यवधान एवं युवाओं में आई नकारात्मकता को दूर करने के लिए कॉलेज शिक्षा विभाग की ओर से शुरू किया गया कार्यक्रम ‘ज्ञान दूत’ गुरुवार से प्रारंभ हो गया है. इसके पहले चरण में 22 विषयों की कक्षाएं शुरू हुई. इसमें विषय विशेषज्ञों की ओर से ऑनलाइन कक्षाएं ली जा रही हैं. पीजी कॉलेज प्राचार्य डॉ. मनीषा चोरडिया ने बताया कि कॉलेज शिक्षा आयुक्त संदेश नायक ने कार्यक्रम का ऑनलाइन उद्घाटन किया. उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम सभी राजकीय एवं निजी कॉलेजों तथा विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे विद्यार्थियों के लिए आरंभ किया गया है.
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कोरोना के कारण विद्यार्थियों को पढ़ाई का जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई तथा उन्हें आत्मविश्वास, सकारात्मकता तथा रचनात्मकता से जोड़ते हुए करवानी है. इसके लिए विद्यार्थियों को विभाग की ओर से जारी गूगल फार्म के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करने के लिए कहा गया है. जो लोग किसी कारण से अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पाएंगे, वे भी विभाग की ओर से जारी विषयवार लिंक्स के माध्यम से क्लास में जुड़ सकेंगे. प्रथम चरण में 22 विषयों में कक्षाएं आरंभ करवाई जा रही हैं, जिनमें से कला संवर्ग में 14 विषय, विज्ञान में 6, कामर्स तथा विधि में एक-एक विषय सम्मिलित किए गए हैं. आगामी चरणों में बाकी विषयों को भी शामिल कर लिया जाएगा.
कुल तीन घंटे होगी पढ़ाई
इस कार्यक्रम में प्रतिदिन कुल 3 घण्टे ऑनलाइन लाइव कक्षाएं (Online Live Classes) चल रही हैं. विषयों को तीन-तीन दिन में बांटते हुए 30 -30 मिनट के पीरियड्स दिए गए हैं. गुरुवार को 13 विषयों में कक्षाएं शुरू हो गईं. नायक ने कहा कि सभी विद्यार्थियों के लिए प्राचार्यों एवं शिक्षकों के माध्यम से यूट्यूब लिंक पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं. सभी विषयों के लिंक 8 जून को ही आयुक्तालय की वेबसाइट पर दे दिए गए थे. उद्घाटन कार्यक्रम में अतिरिक्त आयुक्त बी. एल. गोयल ने कार्यक्रम की जानकारी दी. कार्यक्रम के राज्य समन्वयक डॉ. विनोद भारद्वाज ने इसकी तैयारियों एवं व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी दी.
प्रदेश में हुए 41 हजार से ज्यादा पंजीयन
नायक ने बताया कि अभी तक विद्यार्थियों के 41 हजार से ज्यादा रजिस्ट्रेशन्स हो चुके हैं, जिनमें से 85 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी राजकीय संस्थानों से हैं. इन 41 हजार विद्यार्थियों में से कला संकाय विषयों में 48 प्रतिशत, विज्ञान के 40, कॉमर्स के 8 तथा शेष विधि संकाय से हैं. चूंकि से कक्षाएं स्नातक एवं स्नातकोत्तर दोनों ही संवर्गों के लिए हैं, तो इन रजिस्टर्ड विद्यार्थियों में 75.9 प्रतिशत विद्यार्थी स्नातक कक्षाओं के लिए जुड़े हैं.