पाली. शहर में मानसून के दस्तक के बाद जहां आम जनता को पेयजल को लेकर राहत मिली है. वहीं इस मानसून की बारिश ने पाली शहर की सड़कों का ढांचा पूरी तरह से ही बिगाड़ दिया है. पाली शहर में लगभग एक भी मोहल्ला ऐसा नहीं बचा है, जहां क्षतिग्रस्त सड़कों की समस्या आम जनता को नहीं भुगतनी पड़ रही है. पाली शहर में प्रत्येक मोहल्ले में इन क्षतिग्रस्त सड़कों के चलते प्रतिदिन कोई न कोई हादसा हो रहा है. वहीं वाहन चालकों को भी इन सड़कों पर चलने में समस्या आ रही है.
मानसून की बारिश ने बिगाड़ा पाली शहर की सड़कों का ढांचा इस समस्या का समाधान चाहने के लिए आम जनता नगर परिषद भी जा रही है, लेकिन नगर परिषद पिछले 15 दिनों से कोरोना संक्रमण के चलते बंद है. ऐसे में ना ही जनता की कोई सुनवाई हो पा रही है और ना ही जनता की समस्या का कोई समाधान निकल पा रहा है. अब जनता अपने मोहल्ले में क्षतिग्रस्त सड़कों से बचकर ही अपने आप को संभाल रही है.
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बता दें कि पाली नगर परिषद सीमा क्षेत्र में 60 वार्ड शामिल हैं. इन 60 वार्ड की सड़कों की बात करें तो लगभग 600 किलोमीटर से ज्यादा पाली शहर में सड़कें हैं. मानसून की दस्तक पाली में 15 अगस्त के बाद ही हुई थी. इस बारिश के बाद में पाली शहर के लगभग 40 वार्डों से ज्यादा की सड़कें पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई. पिछले 10 दिनों की बात करें तो इन क्षतिग्रस्त सड़कों के कारण कई बार वाहन चालक दुर्घटना के शिकार हो चुके हैं.
ईटीवी भारत ने पाली के कई मोहल्लों में जाकर आम जनता की समस्या को जाना. लोगों ने कहा कि इन सड़कों की समस्या को लेकर उन्होंने हर जगह गुहार लगाई है, लेकिन आज तक किसी के भी कानों पर जूं तक नहीं रेंगी. ऐसे में अब जनता इन क्षति ग्रस्त सड़कों के साथ समझौता करना सीख गई है. जनता को अब इंतजार है कि उनके मोहल्लों की ये सड़कें जल्द ही फिर से ठीक हो जाएं, ताकि उनका कोई अपना इस दुर्घटना का शिकार ना हो.
मंडिया रोड सबसे ज्यादा क्षतिग्रस्त
पाली शहर में क्षतिग्रस्त सड़कों की बात करें तो सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र मंडिया रोड है. मंडिया रोड पर क्षतिग्रस्त सड़कों की समस्या आज की नहीं है. आज से 10 साल पहले भी यहां की आम जनता इन क्षतिग्रस्त सड़कों के चलते परेशान थी. नगर परिषद की ओर से कई बार करोड़ों रुपये के टेंडर जारी कर मंडिया रोड की इन सड़कों को सुधारने का प्रयास किया गया, लेकिन हर साल बारिश के बाद इन सड़कों के हाल वही हो जाते, जो पुराने थे. ऐसे में यहां से गुजरने वाले सभी वाहन चालक इन क्षति ग्रस्त सड़कों के कारण काफी समस्या से परेशान हैं.
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रूडिप की परियोजना भी बड़ा कारण
पाली शहर को 24 घंटे पेयजल योजना से जोड़ने व पाली में सीवरेज लाइन बिछाने के लिए रूडिप द्वारा पिछले 2 सालों से लगातार कार्य जारी है. रूडिप द्वारा पाली शहर के कई मोहल्लों में सड़कों को पूरी तरह से खोद रखा है. ऐसे में मानसून सीजन में रूडिप अपना कार्य बंद कर देती है. पाली शहर में क्षतिग्रस्त सड़कों एक बड़ी समस्या में रुडिप का यह कार्य भी शामिल है. कई माह तक रोड कार्य बंद रहने के कारण भी क्षतिग्रस्त सड़कों को दुरुस्त नहीं करवाया जा पा रहा है.
15 दिन से समस्या सुनने वाला नहीं
पिछले 15 दिनों की बात करें तो पाली नगर परिषद में कोरोना संक्रमण का खतरा मंडराया हुआ है. पाली नगर परिषद के 13 से ज्यादा अधिकारी व कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. ऐसे में 10 अगस्त से पाली नगर परिषद आम जनता के लिए बंद किया हुआ है. ऐसे में अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर आम जनता नगर परिषद पहुंच तो रही है, लेकिन उनकी समस्याओं को सुनने के लिए नगर परिषद के दरवाजे खुले नहीं हैं. हालांकि नगर परिषद की ओर से आम जनता को शिकायत कर ऑनलाइन करने के लिए कहा है, लेकिन जानकारी के अभाव एवं शिक्षा के चलते आम जनता अपनी आवाज अभी नगरपरिषद तक नहीं पहुंचा पा रही.