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SPECIAL : खतरे में 'जवाई' के मगरमच्छ... जाल में फंसकर तोड़ रहे दम

पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़े बांध मगरमच्छों का घर भी माना जाता है. इस बांध में हजारों मगरमच्छ रहते हैं. लेकिन मछली पकड़ने वाले ठेकेदारों की तरफ से बांध में फेंके जा रहे जाल इन मगरमच्छों की मौत का कारण बन रहे हैं. लगातार हाे रही ऐसी घटनाओंं से वन्यजीव प्रेमियों में भी गुस्सा पनप रहा है. देखें यह रिपोर्ट...

सवाई बांध में दम तोड़ रहे मगरमच्छ, Crocodiles are continuously dying in Sawai Dam
हजारों की संख्या में हैं यहां मगरमच्छ

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Published : Jul 25, 2020, 3:16 PM IST

पाली.पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़े बांध और मगरमच्छ की सबसे बड़ी सेंचुरी 'जवाई बांध' अब अपनी पहचान खोता जा रहा है. इस बांध में हजारों की संख्या में मगरमच्छ रहते हैं. जो इसकी पहचान हैं. लेकिन इसकी पहचान बने मगरमच्छों की जान अब आफत में बनी हुई है. हर सप्ताह किसी ना किसी मगरमच्छ की मौत हो रही है. इस मौत के पीछे की सबसे बड़ी वजह बांध में इंसानी दखल है. बांध का दायरा बड़ा होने से वन विभाग को भी मगरमच्छ के शव कंकाल के रूप में ही मिलते हैं.

खतरे में 'जवाई' के मगरमच्छ

3 महीने में 9 मगरमच्छों की हो चुकी है मौ

पिछले 3 माह की बात करें तो जवाई बांध में कई कारणों से 9 से ज्यादा मगरमच्छों की मौत हो चुकी है. हालांकि यह सरकारी आंकड़ा है, जो केवल वन विभाग को मिले हैं. लेकिन मौत का आंकड़ा इससे भी ज्यादा हो सकता है. इस बांध में करीब एक हजार से ज्यादा मगरमच्छ रहते हैं. हर सप्ताह मगरमच्छ के शव मिलने के बाद अब वन विभाग भी चिंतित है.

मगरमच्छों के लिए अनुकूल बांध है जवाई

बता दें कि पिछले 3 महीने में जवाई बांध के कई क्षेत्रों में मगरमच्छ के शव और कंकाल मिले हैं. इसके चलते वन प्रेमियों में खासा आक्रोश देखने को मिल रहा है. इधर, वन विभाग ने भी इस संबंध में सख्ती बरतना शुरू कर दिया गया है. हालांकि, गर्मी के बाद से ही जवाई बांध में पानी कम होने के कारण अब मगरमच्छों का दायरा कम होता जा रहा है.

हजारों की संख्या में हैं यहां मगरमच्छ

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करीब एक हजार से ज्यादा मगरमच्छ इस बांध में हैं. जिनका भोजन मछली है. इस बांध में मछली की अधिकता होने के कारण मत्स्य विभाग की ओर से यहां पर बड़े स्तर पर ठेका भी जारी किया गया है. यहां मछली पकड़ने के लिए अक्सर जाल बिछाए जाते हैं. इन जालों में कई बार मगरमच्छ भी फंस जाते हैं. ऐसे में मगरमच्छों से जान के खतरे को देखते हुए शिकारी जाल को वहीं छोड़कर भाग जाते हैं. वहीं कुछ दिनों बाद मगरमच्छों की जाल में फंसे रहने से मौत हो जाती है.

इस वजह से हो रही अधिक मौतें

जाल में फंसकर मगरमच्छ तोड़ रहे दम

वन विभाग को कई बार मछलियों के जाल में फंसे हुए मगरमच्छ मिल चुके हैं. ऐसे में वन विभाग ने भी जवाई बांध में हो रहे मत्स्य आखेट को रोकने के लिए मत्स्य विभाग को नोटिस जारी किया है. इसके अलावा बांध में अवांछित तौर पर घुसने वाले लोगों और सफारी संचालकों को भी वन विभाग की ओर से नोटिस दिया जा रहा है. ताकि इस जीव को बचाकर इस बांध की पहचान को जिंदा रखा जा सके.

वन विभाग हुआ सख्त

जवाई बांध वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के अधिकारियों का कहना है कि जवाई बांध में हो रही मगरमच्छों की मौत को लेकर काफी सख्त हो चुके हैं. यहां कई लोगों को इस संबंध में नोटिस भी दिए गए हैं. सबसे पहले नोटिस राजसमंद वाइल्डलाइफ की ओर से मत्स्य विभाग को दिया गया है.

बीते 3 महीनों में कई मगरमच्छों ने तोड़ा दम

जवाई बांध वन क्षेत्र होने के बावजूद मत्स्य विभाग की ओर से जवाई बांध में मत्स्य आखेट का ठेका दिया गया है. यहां पर काम करने वाले मछुआरों के कारण वन्यजीव भी प्रभावित हो रहे हैं और इनके जाल में फंसने से मगरमच्छों की असमय मौत हो रही है.

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वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पिछले 3 महीने में उन्होंने 9 से ज्यादा मगरमच्छों के जाल में फंसे कंकाल बरामद किए हैं. इन सभी का पोस्टमार्टम करवाने के बाद में उनका अंतिम संस्कार किया गया है. अब वन विभाग की ओर से जवाई बांध के चारों तरफ के सीमा पर निगरानी सख्त कर दी गई है. साथ ही बांध में मत्स्य आखेट को रोकने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं.

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