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5 दिन में नागौर के 25 से ज्यादा गांवों में टिड्डी दल का हमला, रात के वक्त किए जा रहे मारने के प्रबंध - Locusts attack

बीते पांच दिन से नागौर में टिड्डी दल का आतंक फैला है. खींवसर विधानसभा क्षेत्र के सीमावर्ती गांवों से शुरू हुआ टिड्डी दल का हमला अब नागौर-अजमेर बॉर्डर तक पहुंच चुका है. मोटे तौर पर जिले के 25-30 गांव इनके हमले की चपेट में आ चुके हैं.

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टिड्डी दल का हमला

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Published : May 12, 2020, 4:44 PM IST

नागौर. पाकिस्तान की तरफ से आया टिड्डी दल सीमावर्ती जिलों में आतंक मचाने के बाद अब नागौर में कहर बरपा रहा है. जिले में 8 मई को पहली बार टिड्डी दल का हमला खींवसर विधानसभा क्षेत्र के सीमावर्ती गांवों में हुआ था. फिर एक के बाद एक कई गांवों को निशाना बनाते हुए यह टिड्डी दल अब नागौर-अजमेर बॉर्डर के गांवों में अपना डेरा जमाए बैठा है.

कृषि विभाग के उपनिदेशक हजारीराम चौधरी ने बताया कि बीते पांच दिन में जिले के 25-30 गांवों में टिड्डी दल ने हमला किया है. अब इनका जमावड़ा अजमेर सीमा के आसपास थांवला इलाके के गांवों में है. जहां कृषि विभाग और टिड्डी नियंत्रण मंडल के कर्मचारियों की टीमें मिलकर इन पर काबू पाने का प्रयास कर रही है.

25 से ज्यादा गांवों में टिड्डी दल का हमला

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टिड्डी नियंत्रण मंडल के प्रभारी ओमप्रकाश चौधरी का कहना है कि जहां कहीं भी टिड्डी दल का जमावड़ा मिल रहा है. कीटनाशक का छिड़काव कर उन्हें मारा जा रहा है, लेकिन एक बार में 70 फीसदी टिड्डियों को ही मारा जा सकता है. ऐसे में बाकी बची टिड्डियां नए इलाकों में पहुंच रही हैं. साथ ही कहा कि दिन में टिड्डियां हवा के रुख के साथ आगे बढ़ती रहती हैं. इसलिए दिन में उन्हें मारना संभव नहीं है. ऐसे में रात के समय अभियान चलाकर टिड्डियों को नष्ट किया जा रहा है.

कृषि विभाग के उपनिदेशक हजारीराम चौधरी का कहना है कि टिड्डियों को नष्ट करने के अभियान में ग्रामीणों की भी मदद ली जा रही है. विभाग के पास जो गाड़ियां हैं, उनसे कीटनाशक का छिड़काव करने के लिए पास जाना पड़ता है और टिड्डियां उड़ जाती हैं. ऐसे में ग्रामीणों से ट्रैक्टर लेकर दूर से ही दवा का छिड़काव किया जा रहा है.

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