करीब दो दर्जन ट्रेनों का मार्ग परिवर्तन किया गया है. कुछ ट्रेनों को आंशिक रद्द किया गया है. इसमें कुछ ट्रेनों को कोटा स्टेशन पर ही रोक दिया गया. आंदोलन से कोटा रेलवे स्टेशन से गुजरने वाली नियमित ट्रेने भी प्रभावित हुई है. डाइवर्ट करने से कई ट्रेन नियमित समय से कई घंटे की देरी से गंतव्य स्टेशन पर पहुंची. वहीं रेल यातायात में बाधा से कोटा रेल मंडल में 2 लाख से अधिक यात्री प्रभावित हुए. अकेले कोटा में करीब 50 हजार यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी है. रेलवे को 2 दिनों में करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है. ट्रेने रद्द होने से यात्री रेलवे टोल फ्री नंबरों से पूछताछ करते रहे.
रतलाम -मथुरा (59355) को कोटा स्टेशन पर रोकने से यात्रियों ने जमकर हंगामा किया. दरअसल यात्रियों को इस ट्रेन को कोटा रोके जाने की पूर्व में रेलवे ने सूचना नहीं दी थी. ऐसे में बड़ी संख्या में रतलाम से यात्री सवार होकर मथुरा जा रहे थे, लेकिन कोटा में ही इसे रद्द किए जाने की सूचना दी तो यात्रियों ने स्टेशन मास्टर के सामने जमकर हंगामा किया. कोटा रेलवे ने जनरल टिकट वाले यात्रियों की राशि रिफंड नही की. ऐसे में स्टेशन पर दिनभर हंगामे का माहौल रहा. हालांकि रिजर्वेशन वाले यात्रियों को रेलवे ने पूरी राशि रिफंड की. यात्री रिफंड करवाने के लिए दिनभर लाइनों में खड़े रहे. ट्रेन रद्द होने के बाद कई यात्री रोडवेज बस स्टैंड पहुंचे. बस स्टैंड पर यात्रीभार देखते हुए रोडवेज प्रशासन ने यात्रियों की सुविधा के लिए 5 अतिरिक्त बसें लगाकर यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाया. रोडवेज के साथ ही निजी बसों में भी काफी भीड़ देखी गई.