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स्पेशल स्टोरी: चंबल की तबाही से मंदिर, मस्जिद और स्कूल भी नहीं बचे

कोटा के चम्बल में आई बाढ़ के बाद मंदिर, मस्जिद और सरकारी स्कूल भी नहीं बचे. यहां भी सब कुछ तहस-नहस हो गया. मंदिर, मस्जिद की दीवारें ढह गई तो स्कूलों की दीवारों के साथ-साथ ही पोषाहार और किताबें तक सुरक्षित नहीं बचीऔर .

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Published : Sep 19, 2019, 3:17 PM IST

कोटा.कुन्हाड़ी में आए चंबल के बाढ़ के पानी से मंदिरों, मस्जिदों और स्कूलों में भी तबाही मचाई. कुन्हाड़ी में पुलिया के पास मस्जिद की आगे की दीवार टूट गई. वहीं बिजली के उपकरण कूलर पंखे भी जल गए. जो समान बचा हुआ है, उसको बचाने की कोशिश की जा रही है. इसके पास ही लगा राजकीय प्राथमिक विद्यालय का भवन भी बाढ़ से जर्जर हो गया है. इसका भी एक हिस्सा बाढ़ से ढह गया. स्टेशनरी के सामान के साथ-साथ पोषाहार का सामान भी खराब हो गया.

चम्बल में आई बाढ़ से मंदिर , मस्जिद स्कूल भी नहीं बच पाए

चम्बल में बाढ़ के बाद लोग जब मस्जिदों स्कूलों और मंदिरों को देखने पहुंचे. वहां के हालात देख लोग भौचक्के रह गए. इनको टेम्पो में भरकर दूसरी जगह शिफ्ट किया जा रहा है. हिदायत उल्ला बेग ने बताया कि पहले भी बाढ़ आई पर पानी इतना नहीं था. लेकिन इस बार पानी दस से बारह फीट भर गया. इसके चारों ओर पत्थर की मोटी दीवारे थीं, जो गिर गईं. पूरी तरफ से मस्जिद क्षतिग्रस्त हो गई. कुन्हाड़ी एरिया में एक सरकारी स्कूल भी है. जिसको चंबल नदी के प्रवाह ने बर्बाद कर दिया.

चम्बल में आई बाढ़ से मंदिर, मस्जिद स्कूल भी नहीं बच पाए

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स्कूल में बच्चों के लिए रखा पोषाहार सड़ गए और कुछ बह गए. टीचर्स का कहना है कि जो बच्चे स्कूल में आते थे. वह आस-पास की कच्ची बस्ती के थे. अब उनका भी सब कुछ तबाह हो गया है. हालांकि स्कूल की स्थिति भी नहीं है कि वहां पर बच्चे पढ़ सके. क्योंकि पूरी तरह से स्कूल की बिल्डिंग टूट-फूट चुकी है.

सबकुछ तहस नहस हो गया

कुन्हाड़ी में नदी किनारे हनुमान मंदिर की भी चारों ओर की दीवारे टूट गई. हालांकि मूर्ति वहीं स्थित है. चारो ओर दीवारें क्षतिग्रस्त हो गईं. इसके चारो ओर लगी रेलिंग टूटकर चम्बल में समाहित हो गई.

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