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सांगोद MLA भरत सिंह ने वन विभाग की प्रमुख सचिव को लिखा पत्र..जानें

सांगोद विधायक भरत सिंह ने वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा को पत्र लिखा है. इस पत्र में बूंदी के डाबी एरिया में हो रहे अवैध खनन के लिए कोटा के मुख्य वन संरक्षक मनोज पाराशर पर आरोप लगाए गए हैं. जिसमें कहा गया है कि पराशर अवैध खनन कर्ताओं को संरक्षण देते हैं.

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MLA भरत सिंह ने वन विभाग की प्रमुख सचिव को लिखा पत्र

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Published : Jun 14, 2021, 5:01 PM IST

Updated : Jun 14, 2021, 10:04 PM IST

कोटा.जिले की सांगोद विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक भरत सिंह ने अब वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा को पत्र लिखा है. साथ ही उन्होंने इस पत्र में बूंदी के डाबी एरिया में हो रहे अवैध खनन के लिए कोटा के मुख्य वन संरक्षक मनोज पाराशर पर भी आरोप लगा दिए हैं. जिसमें लिखा गया है कि पराशर अवैध खनन कर्ताओं को संरक्षण देते हैं.

इसके अलावा उन्होंने श्रेया गुहा से आग्रह किया है कि वे खुद बूंदी के डाबी एरिया में आए और यहां पर निरीक्षण कर मौका स्थिति देखें. इस संबंध में यह भी जानकारी दी है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस संबंध में पत्र लिख चुके हैं. इसके अलावा वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्नोई और श्रुति शर्मा को जानकारी फोन पर दे चुके हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई.

ये है पूरा मामला..

वरिष्ठ कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने बूंदी के डाबी एरिया में हो रहे अवैध खनन के मामले में एक पत्र IAS श्रेया गुहा को लिखा है. उन्होंने कहा है कि वन विभाग और खनिज विभाग की मिलीभगत से अवैध खनन हो रहा है. इस पत्र में जिक्र किया है.

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वन विभाग के अधिकारी भी इसमें संरक्षण कर रहे हैं. कोटा में बैठे हुए मुख्य वन संरक्षक मनोज पाराशर उनका सहयोग और संरक्षण करते हैं. ऐसे में उन्होंने श्रेया गुहा से निवेदन किया है कि वे खुद आकर मौके का अवलोकन करें और वे खुद हालातों को देखें.

सरकार ने किया वेटलैंड अथॉरिटी का गठन, मीटिंग एक भी नहीं हुई

सांगोद विधायक ने (Wetland) के बारे में भी जानकारी इस पत्र में दी है. जिसमें लिखा है कि बूंदी इलाके में नैनवा के दुगारी गांव का तालाब प्रदेश का एक अत्यंत सुंदर वेटलैंड (Wetland) जैसे खनन को माफिया नष्ट कर रहे हैं. यह वन क्षेत्र में तो नहीं है, लेकिन वेटलैंड (Wetland) होने के नाते वन विभाग को इसकी रक्षा करनी चाहिए. सांभर झील में जहां हजारों की संख्या में पक्षियों के मरने के बाद सरकार ने प्रदेश के एक वेटलैंड अथॉरिटी का गठन किया, लेकिन इसकी आज तक एक भी बैठक नहीं हुई है, ये (Wetland) नष्ट हो रहे हैं.

Last Updated : Jun 14, 2021, 10:04 PM IST

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