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पीपल्दा में कांग्रेस और भाजपा के दो नए चेहरों के बीच मुकाबला, जानें इस सीट पर क्या हैं सियासी समीकरण - पीपल्दा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी

Rajasthan Election 2023, कोटा के पीपल्दा सीट से भाजपा और कांग्रेस ने नए चेहरों को चुनावी मैदान में उतारा है. बीते चुनाव का इतिहास देखा जाए तो यहां पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला हुआ है. पिछले 11 चुनावों में भाजपा 6 बार और कांग्रेस 5 बार विजयी हुई है. पढ़िए ये रिपोर्ट...

Rajasthan Election 2023
Kota Pipalda Seat

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 17, 2023, 8:02 AM IST

Updated : Nov 17, 2023, 11:00 AM IST

कोटा.राजस्थान विधानसभा चुनाव में कोटा के पीपल्दा सीट पर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही राजनीतिक दलों ने नए प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारा है. यहां दोनों प्रत्याशी पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस की तरफ से चेतन पटेल कोलाना और भारतीय जनता पार्टी ने प्रेमचंद गोचर को अपना प्रत्याशी बनाया है. गोचर भाजपा के जिला अध्यक्ष भी हैं, जबकि चेतन पटेल कोलाना यूथ कांग्रेस से जुड़े हुए हैं.

कोटा पिपल्दा सीट से जुड़े मतदाताओं के आंकड़े

रामगोपाल बैरवा से क्या भाजपा को होगा फायदा? :कांग्रेस छोड़कर रामगोपाल बैरवा ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है. वह पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक भी रहे हैं. बैरवा मूलतः पीपल्दा विधानसभा क्षेत्र के इटावा के नजदीक लक्ष्मीपुरा की झोपड़ियां गांव के निवासी हैं. वे इस सीट से पांच चुनाव लड़ चुके हैं, जिनमें से दो चुनाव उन्होंने जीते भी हैं. ऐसे में उनके भाजपा में चले जाने के कारण यहां पर कांग्रेस प्रत्याशी चेतन पटेल कोलाना को नुकसान की आशंका है. यहां सीधे रूप से भाजपा प्रत्याशी प्रेमचंद गोचर को फायदा हो सकता है. यहां पर बैरवा समुदाय के करीब 20000 के आसपास वोट हैं.

कोटा पिपल्दा सीट से जुड़े मतदाताओं के आंकड़े

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लगातार चार बार भाजपा प्रत्याशी ने दर्ज की थी जीत :पीपल्दा सीट पर बीते 6 चुनाव में केवल 2 बार साल 2003 और 2013 में भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की है. वहीं, 1993 और 1998 में रामगोपाल बैरवा ने यह चुनाव जीता था. साल 2008 में कांग्रेस प्रत्याशी प्रेमचंद और 2018 में रामनारायण मीणा यहां से चुनाव जीते हैं, जबकि 1977 से लेकर 1990 तक हुए हर चुनाव में भाजपा प्रत्याशी ही यहां से जीतता आया है. यहां लगातार चार जीत हीरालाल आर्य ने दर्ज की थी. वे अध्यापक की नौकरी छोड़कर 1977 में चुनावी मैदान में भाजपा की तरफ से उतरे थे. इसके बाद 1977, 1980, 1985 और 1990 में विधायक बने. हालांकि, साल 1993 और 1998 में उन्हें हार भी मिली.

भाजपा प्रत्याशी की स्थिति

पक्के मकान, सड़कें और सिंचाई के पानी की समस्या :कोटा जिले की पीपल्दा विधानसभा क्षेत्र की बात की जाए, तो यह पिछड़ा इलाका है. ग्रामीण सड़कों की हालत काफी विकट है. यहां तक की कोटा जिले में सबसे गरीब तबके के लोग इसी इलाके में निवास करते हैं. इस पूरे इलाके में आज भी बड़ी संख्या में कच्चे मकान हैं. ऐसे में हर व्यक्ति को पक्का मकान देना सबसे बड़ा मुद्दा है. दूसरी तरफ, यह नहरी सिंचाई का संचित एरिया है, लेकिन यहां पर सिंचाई के पानी की बड़ी समस्या है. बारिश के समय में इस इलाके में जल प्लावन की स्थिति कई जगह पर होती है. रास्ते भी अवरुद्ध हो जाते हैं. ऐसे में कई जगह पर बड़े ब्रिज और हाईलेवल पुलियाओं की भी आवश्यकता है.

कांग्रेस प्रत्याशी की स्थिति

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यह है पीपल्दा का जातिगत गणित :पीपल्दा विधानसभा क्षेत्र में 208955 मतदाता हैं. इनमें 108753 पुरुष और 100202 महिलाएं हैं. इस सीट पर सर्वाधिक मीणा मतदाता हैं, जिससे चेतन पटेल कोलाना भी आते हैं. सर्वाधिक मतदाता एससी कैटेगरी के हैं, जिनमें बैरवा, महावर, खटीक, मेघवाल, धोबी, जाटव सहित अन्य कई जातियों के लोग हैं. ओबीसी वर्ग में धाकड़, गुर्जर, तेली, छीपा, कुशवाह, कंडारा, प्रजापति, माली सहित अनेक जातियां हैं. भाजपा प्रत्याशी प्रेमचंद गोचर गुर्जर समुदाय से आते हैं, उनकी जाति के भी करीब 20000 वोट यहां पर हैं. सामान्य जातियों में ब्राह्मण और महाजन समाज के अलावा राजपूत समाज के भी काफी संख्या में वोटर हैं. कांग्रेस-भाजपा के अलावा चार प्रत्याशी और चुनावी मैदान में हैं. इनमें बहुजन समाजवादी पार्टी से श्यामलाल, आम आदमी पार्टी से दिलीप कुमार मीणा, अभिनव लोकतंत्र पार्टी से महावीर शर्मा और निर्दलीय प्रेम शंकर नागर मैदान में हैं.

Last Updated : Nov 17, 2023, 11:00 AM IST

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