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कोटा: पहली बारिश में ही उखड़ी शहर की सड़कें, नगर निगम और यूआईटी पर अनदेखी का आरोप

कोटा शहर में बारिश की वजह से सड़कें उखड़ चुकी हैं, जिससे लोग बेहद परेशान हो रहे हैं. इन सड़कों को ठीक करने के लिए नगर निगम और यूआईटी ने कोई योजना ही तैयार नहीं की है.

कोटा शहर में बारिश की वजह से उखड़ी सड़कें, लोग परेशान

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Published : Jul 11, 2019, 9:44 PM IST

कोटा. जिले में बारिश शुरू होते ही शहर की अधिकतर सड़कें उखड़ गई हैं. गलियां तो छोड़िए, मेन रोड की ये हालत है कि वहां से निकलना खतरे से खाली नहीं है. अगले दो महीने तक यही हालत रहने की संभावना है, क्योंकि इन सड़कों को ठीक करने के लिए अभी तक नगर निगम और यूआईटी ने कोई योजना तैयार नहीं की है. सिर्फ जवाहर नगर की सड़क के कुछ गड्डों पर पेचवर्क किया गया है. वो भी इसलिए, क्योंकि ये मामला यूडीएच मंत्री शांति धरीवाल तक पहुंच गया था.

कोटा शहर में बारिश की वजह से उखड़ी सड़कें, लोग परेशान

कोटा शहर में नगर निगम की शहर में लगभग 1799 किलोमीटर सड़के हैं. वहीं, यूआईटी की 800 किलोमीटर की सड़कें है. निगम मानता है कि हर साल बारिश में 10-15 फीसदी सड़कें खराब होती हैं. वहीं, निगम का जो बजट है, उससे खराब सड़कों के गड्ढे भी बड़ी मुश्किल से भरे जा सकते हैं.

जवाहर नगर में मेन रोड पर पैदल चलना मुश्किल, विरोध में उतरे लोग

केशवपुरा चौराहे से जवाहर नगर जाने वाली सड़क पिछले दिनों हुई बरसात में कई दिन पानी भरे रहने से पूरी तरह उखड़ गईं है. कॉलोनी के लोग हर साल इसी समस्या से दो-चार होते हैं. वहीं, लोगों के विरोध के चलते यूआईटी ने कुछ बड़े गड्डों को पेंच से भरवाया है. वहीं, लोगों ने बताया कि हर साल इस समस्या को झेलना अब हमारी फिदरत बन गई है. कोचिंग क्षेत्र होने के बावजूद छात्र इस परेशानी के कारण दूसरी जगह रहने लगे हैं. हालात ये है कि यहां से पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है. इस सड़क पर अभी भी काफी गड्ढे हो रहे हैं.

किशोरपुरा रोड की अनदेखी, एक किलोमीटर में 135 जानलेवा गड्ढे

ये सड़क लगभग दो साल से ज्यादा समय से उखड़ी पड़ी है. हर साल निगम इसके गड्ढे भरने पर ही करीब पांच लाख रुपये खर्च करता है. इस सड़क के गड्ढे भरे गए थे. अब बारिश शुरू होते ही ये फिर से पूरी तरह से उखड़ गई है. नगर निगम से महज 500 मीटर दूर स्थित इस सड़क पर 100 से अधिक गड्ढे होने से लोगों को बचकर निकलना पड़ता है. वहीं, जिम्मेदार महकमा कहता है कि इनको बारिश के बाद भरा जाएगा. यानी शहरवासी अभी दो महीने और परेशानी झेलेंगे. वहीं, यूआईटी के सचिव भवानी सिंह पालावत ने बताया कि कुछ जगह जो बड़े गड्ढे थे, उनमें कंकरीट डालकर भरा जा रहा है.

शहर की उखड़ी सड़कों की बदहाली का एक बड़ा कारण अधिकारियों की लापरवाही भी है. वो समस्या के स्थायी समाधान पर ध्यान नहीं देते. कोचिंग के करीब एक लाख स्टूडेंट्स हर साल जलभराव और खराब सड़कों से जूझते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि वो हमारे शहर की क्या इमेज लेकर लौटेंगे.

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