कोटा. कोचिंग और स्कूलों को खोलने के फैसले के बाद कोटा में खुशी का माहौल है. शिक्षा नगरी में एक बार फिर कोचिंग संस्थानों को खोलने की खुशी में बड़ी संख्या में लोग राजीव गांधी नगर में एकत्रित हुए. जहां पर उन्होंने आतिशबाजी भी की. इसके साथ ही एक दूसरे को मिठाई खिलाकर और ढोल बजाकर जश्न भी मनाया.
हॉस्टल संचालक और कोचिंग संस्थानों में काम करने वाले लोगों ने जश्न मनाया और वह लोग जमकर झूमे. इनका कहना है कि लंबे समय से इनके जो हॉस्टल और अन्य व्यापार था, वह ठप पड़ा हुआ था. अब कोचिंग संस्थानों में जब ऑफलाइन क्लासेज शुरू होगी, तो बच्चे यहां पर आएंगे और पढ़ाई करेंगे. जिससे यहां पर इनका व्यापार चल सकेगा.
कोटा में कोचिंग संस्थान खुलने पर खुशी कोटा की कोचिंग संस्थानों में डेढ़ लाख ज्यादा बच्चे पढ़ने आते हैं. इसके चलते कोटा में करीब एक लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला हुआ है. यहां पर फुटकर व्यापारी से लेकर जूस, अल्ट्रेशन, ई-मित्र, फल, फास्ट फूड, हेयर कटिंग से लेकर स्टेशन तक का व्यापार प्रभावित हो रहा था. कोटा में करीब 5000 करोड़ रुपए की इंडस्ट्री कोटा कोचिंग से जुड़े हुए व्यापार की है.
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कोटा से कोचिंग कर रहे छात्रों ने कहा कि ऑफलाइन कोचिंग का इंतजार कर रहे थे. क्योंकि ऑनलाइन कोचिंग में उन्हें कोई समझ में नहीं आ रहा था. अब जब क्लासरूम टीचिंग शुरू होगी तो उन्हें इसका अच्छा फायदा मिलेगा. हॉस्टल संचालकों का कहना है कि बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स भी कोटा पहुंचेंगे, जैसे ही उन्हें इसकी सूचना मिली है, उन्होंने क्वेरीज करना शुरू कर दिया है.
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कोचिंग संचालकों का कहना है कि वह जो भी सरकार गाइडलाइन जारी करेगी, उसके अनुसार पूरी व्यवस्थाएं यहां पर करेंगे. साथ ही अगर आइसोलेशन रूम की भी बात कही जाएगी, तो वह भी बना दिया जाएगा. पिछली बार भी इस तरह से आइसोलेशन रूम हमने बनाया है और बच्चों को आइसोलेट भी रखा है. कोटा में सिंगल रूम कल्चर है. ऐसे में बच्चों को यहां पर किसी भी तरह के संक्रमण की दिक्कत भी नहीं होगी.