कोटा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कोटा के जोरावरपुरा ग्राम पंचायत में जनसभा स्थल और हेलीपैड बनाने में 700 से ज्यादा पौधों को उखड़वा दिया गया. ग्राम सरपंच का कहना है कि लाखों रुपए खर्च कर उगाए पौधों को हटवा दिया गया. वहीं, एसडीएम का कहना है कि कुछ पौधे थे, जिन्हें वापस लगवा दिया जाएगा. 700 से ज्यादा पौधों की उन्हें जानकारी नहीं है. अब ये मामला तूल पकड़ता जा रहा है.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री की जोरावरपुरा ग्राम पंचायत आज जनसभा हुई थी. इस सभा स्थल और हेलीपैड के लिए 10 बीघा से ज्यादा भूमि पर उगाए 700 से ज्यादा पौधों को उखड़वा दिया गया. जानकारी के अनुसार, ये सभी पौधे अमरूद के थे. हाल ही ग्राम पंचायत में अमरूद का बगीचा लाखों रुपए खर्च कर लगाया था. यहां पर नरेगा के तहत श्रमिकों की मेहनत से ये पौधे उगाए गए थे. अमरूदों के साथ-साथ खाली जगह पर सरसों की बुवाई भी कर दी थी, जो कि अच्छी तरह से उग भी आई थी.
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इस बारे में ग्राम पंचायत के सरपंच मधु मीणा का कहना है कि 700 से ज्यादा पौधे लग गए थे जिनको हटवा दिया गया है. अब दोबारा इन पौधों को लगवाया जाएगा. इस पर एसडीएम संतोष कुमार मीणा का कहना है कि उन्हें इस संबंध में जानकारी नहीं है. केवल 50 पौधे होंगे, लेकिन बचे हुए पौधों को हम दोबारा से लगवाएंगे. जिनमें पौधों को हटाया है, उन्हें ठीक से हटाया है. जब उनसे पूछा गया कि सरपंच ने 700 से ज्यादा पौधों की बात कही है, तब उन्होंने इस बात की जानकारी होने से इंकार किया. सभी पौधे भामाशाह की मदद से ही रोपे गए हैं. कुछ अधिकारियों ने अमरूदों के बगीचे को बचाने की कोशिश की, लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों ने दबाव बनाकर इस बगीचे को समतल करवाया दिया.
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वहीं कांग्रेस की जिलाध्यक्ष सरोज मीणा का कहना है कि विधायक रामनारायण मीणा इसके लिए जिम्मेदार हैं. अब विधायक सरपंच पर दबाव बना रहे हैं कि वे इस संबंध में किसी तरह का कोई बयान न दें.