कोटा.प्रदेश में भीषण और प्रचंड गर्मी का दौर जारी है, पारा 46 डिग्री से ज्यादा है. लोगों का जीना बेहाल हो रहा है. कोटा की जीवनदायिनी चंबल का भी जलस्तर इस भीषण गर्मी में लगातार कम हो रहा है.
10 दिन में कोटा बैराज से 40 लाख मिलियन क्यूबिक पानी घटा चंबल नदी पर बने कोटा जिले और इसके आसपास के चारों बांधों पर जलस्तर गिरा है. यह एक चिंता का विषय है. कोटा बैराज की बात की जाए तो जहां कोटा बैराज का जलस्तर 28 मई को 852.50 था, वो गिरकर 849.80 फीट रह गया है. कोटा बैराज से पिछले 10 दिनों में 4.21 मिलीयन क्यूबिक मीटर पानी का स्तर गिरा है. यानी की करीब 40 लाख 21 हजार मिलीयन क्यूबिक मीटर पानी यहां से कम हो गया है. पिछले 10 दिनों में जितना पानी कोटा बैराज से कम हुआ है. वह पानी 172 क्यूसेक पानी की लगातार निकासी के बराबर है. हालांकि कोटा बैराज के जल स्तर को मेंटेन रखने के लिए जवाहर सागर डैम से पानी को छोड़ा भी गया है.
इसी तरह से चंबल नदी पर बने अन्य बांधों की बात की जाए तो जवाहर सागर डैम यानी कोटा डैम की भराव क्षमता 980 फीट है, लेकिन वहां भी पानी का स्तर 975.50 फीट ही रह गया है. इसके बाद चित्तौड़गढ़ जिले के रावतभाटा में स्थित राणा प्रताप सागर बांध की भराव क्षमता 1157.50 फीट है, वहां का जलस्तर भी कम होकर 1135.67 गया है. चंबल नदी के दूसरे बांध जो कि गांधी सागर बांध है. यह मध्य प्रदेश में आता है इसकी भराव क्षमता 1312 फीट है, लेकिन वर्तमान में 1248.89 फीट ही रह गया. इसमें सबसे ज्यादा जलस्तर में गिरावट गांधी सागर डैम में दर्ज की गई है.
कोटा बैराज के गिरते हुए जल स्तर पर अभियंताओं का कहना है कि यह सारा पानी वाष्प बनकर कर नहीं उड़ा है. एनजीटी की अनुपालना के चलते हर सोमवार को 5000 क्यूसेक पानी बैराज से छोड़ा जाता है. इसके साथ ही कोटा शहर की जलापूर्ति के लिए अकेलगढ़ और सकतपुरा मिनी प्लांट पर पीएचईडी पानी लेती है. कोटा थर्मल भी बिजली उत्पादन के लिए बैराज से ही पानी ले रहा है. साथ ही दाईं मुख्य नहर के लिए भी 15 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. हालांकि जल संसाधन विभाग के अभियंताओं का यह भी मानना है भीषण गर्मी में पानी वाष्प बंद कर भी उड़ा है.
कोटा बैराज के अभियंता हरीश तिवाड़ी कहना है कि उन्होंने कम हुए पानी के लिए जवाहर सागर डैम अवगत करा दिया है, ताकि वहां से मशीन को चालू कर दिया जाए, जिससे कोटा बैराज का लेवल मेंटेन रह सके. वहीं राणा प्रताप सागर बांध, गांधी सागर बांध और कोटा डैम का जलस्तर भी गिरा है. इनके बारे में जल संसाधन विभाग के अभियंताओं का कहना है कि निचले बांधों के लिए समय से मेरे पानी की निकासी करने से जल स्तर में कमी हो रही है.