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करौली में 'शिक्षक दिवस' पर विद्यार्थियों को बताया गया 'गुरु का महत्व'

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Published : Sep 6, 2019, 4:11 AM IST

करौली में शिक्षक दिवस के मौके पर गुरुवार को हिंडौन सहित सभी निजी और राजकीय विद्यालयों में शिक्षक दिवस बड़े धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान विद्यार्थियों ने हिंडौन राजकीय विद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम में विद्यालय के शिक्षकों ने बच्चों को जीवन मे गुरु के महत्व को बताया.

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करौली. शिक्षक दिवस के मौके पर गुरुवार को हिंडौन सहित सभी निजी और राजकीय विद्यालयों में शिक्षक दिवस बड़े धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान विद्यार्थियों ने हिंडौन राजकीय विद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम में विद्यालय के शिक्षकों ने बच्चों को जीवन मे गुरु के महत्व को बताय. इस बीच छात्र-छात्राओं ने विद्यालय में गुरुओं का सम्मान किया.

करौली में शिक्षक दिवस मनाया गया

बताया जा रहा है कि सुबह से ही विद्यार्थियों ने शिक्षक दिवस की तैयारियां शुरू कर दी थी. इस बीच विद्यालय में विद्यार्थियों को गुरु की छात्र-छाया में रहने की बात कही गई. शिक्षकों ने टीचर्स डे के बारे में प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें कोई भी काम करने के लिए गुरु का आशीर्वाद जरूरी है. गुरु सर्वोपरि है. गुरु दो होते हैं, पहला गुरु माता-पिता और दूसरा गुरु, जो हमें विद्यालय में शिक्षा देते हैं.

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गुरु के सम्मान में शिक्षक दिवस

बता दें कि 5 सितंबर को 'शिक्षक दिवस ' के रूप में मनाते हैं, जो डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की यादगार में मनाया जाता है. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति थे. साथ ही एक महान शिक्षाविद भी थे. इन्होंने समाज में शिक्षा के महत्व को बताया और शिक्षा के प्रसार-प्रचार करने में अहम योगदान दिया. उनके इस योगदान के लिए और समाज में शिक्षक के महत्व बनाए रखने के लिए उनकी जंयती पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है. यह पहली बार राधाकृष्णन के शिष्यों ने उनके सम्मान में 1962 में मनाया था. जिसके बाद से उनकी जयंती पर हर साल 5 सितंबर के दिन शिक्षक दिवस मनाया जाता है.

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